सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 11 जून। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी,अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव परवेज़ आलम गांधी ने सरगुज़ा संभाग कमिश्नर को ज्ञापन सौंप युक्तियुक्तकरण घोटाला के जांच व उक्त प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया कि सरगुज़ा जिले में शिक्षा अधिकारी की देखरेख में शिक्षा विभाग में स्कूलों व शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया सम्पादित की गई है। उक्त पूरी प्रक्रिया विसंगतिपूर्ण है जिसमें अधिकारियों ने मिलीभगत कर सरगुज़ा के शिक्षा गुणवत्ता खराब करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
कई महिला व्याख्याता जो कि जिला व संभाग की सूची से परे थे, अचानक काउंसलिंग के एक दिन बाद दूरभाष से बुला कर जबरिया काउंसलिंग कराई गई, जो कि नियम विरुद्ध है। महिला शिक्षकों जिनको काउंसलिंग में वरीयता दिया जाना था, उनके साथ अन्याय हुआ है।
काउंसलिंग के दौरान जो जगह उन्हें दिखाया गया वो उनके निवास से 150 किमी दूर था, जबकि यदि उन्हें काउंसलिंग में महिला वरीयता अनुसार पहले बुलाया गया होता तो उन्हें पास के विद्यालय मिल सकते थे।
जिला प्रशासन द्वारा प्रधान पाठकों प्राचार्यों जनशिक्षकों बीईओ के माध्यम से अतिशेष शिक्षकों की जानकारी उनके बिना प्रमाणीकरण के मंगाई, जिससे अनियमितता को बल मिला और बहुत से विद्यालयों के अतिशेष शिक्षकों का नाम लेन देन कर अतिशेष की सूची से ड्रॉप आउट कर दिया गया, जबकि उनसे शतप्रतिशत भेजा गया है का प्रमाणीकरण कराना था।
जिससे अनियमितता नहीं हुआ होता।
जिला और संभाग दोनों स्तर पर सेजेस विद्यालयों के लिए दोहरा मापदंड अपनाया गया। सेजेस विद्यालयों में गैरप्रतिनियुक्ति वाले शिक्षको को अतिशेष किया गया, जबकि उन्हीं सेजेस विद्यालयों में काउंसलिंग से गैरप्रतिनियुक्ति शिक्षकों की पोस्टिंग भी की गई, जिसमें साफ साफ भ्रष्टाचार नजर आ रहा है।
जिला स्तरीय काउंसलिंग में आस-पास के स्कूलों के रिक्त पदों को प्रदर्शित न कर उसे संभाग स्तर पर अपने सेटिंग वाले चहेतो को बचाने के लिए किया गया है। अपनों को बचाने दूरस्थ ऐसे विद्यालय में पोस्टिंग दी गई, जहां पहले से ही पद भरा हुआ ताकि वापस आने पर उसे उसके मूल संस्था में सुरक्षित किया जा सके।
श्री आलम ने मांग की है कि सरगुज़ा संभाग की पूरी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को निरस्त कर जांच की जाए व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।