सरगुजा

करोड़ों के घोटाले में तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर व ठेकेदार की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त
14-May-2025 10:18 PM
करोड़ों के घोटाले में तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर व ठेकेदार की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 14 मई। करोड़ों के घोटाले में तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर राजेश लकड़ा एवं ठेकेदार प्रभोजत  सिंह भल्ला की अग्रिम जमानत याचिका को न्यायालय ने निरस्त कर दिया है।

मामला छत्तीसगढ़ स्टेट पावर लिमिटेड अंबिकापुर के चीफ इंजीनियर कार्यालय का है, जहां पर करोड़ों रुपए के फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज लगाकर ठेकेदार से मिलीभगत कर ई.पी.एफ बोनस एवं ई.एस.आई.सी  की राशि गबन किए जाने का आरोप है,जिसमें डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट के द्वारा एक आवेदन थाना अंबिकापुर कोतवाली में मेसर्स आरके एसोसिएट्स, मैट्रिक सर्विस एवं गुरुकृपा ग्रुप के द्वारा वेतन से ईपीएफ बोनस एवं ईएसआईसी की राशि में गोलमाल करने तथा फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपए की राशि निकालने के संबंध में कार्यपालन निदेशक(अ.क्षे.) अंबिकापुर के जांच रिपोर्ट दिनांक 24 फरवरी 2023 के साथ प्रस्तुत किया गया एवं संबंधित अधिकारियों तथा मेसर्स आरके एसोसिएट्स, मैट्रिक सर्विस एवं गुरुकृपा के डायरेक्टर/प्रोप्राइटर के विरुद्ध कोतवाली थाना अंबिकापुर में न्यायालय के आदेश के बाद अपराध दर्ज किया गया था,जिसमें राजेश लकड़ा तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट सी.एस.पी.डी.सी.एल एवं ठेकेदार प्रभोजत सिंह भल्ला के द्वारा प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अंबिकापुर के न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ममता पटेल के न्यायालय में सुनवाई उपरांत अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया।

न्यायालय के द्वारा अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि आरोपित अपराध,गंभीर एवं सुनियोजित आर्थिक अपराध है,जिसमें सहजतापूर्वक अग्रिम जमानत का लाभ मिल जाने पर ऐसे अपराधों की बढ़ोतरी संभव होने बाबत अभियोजन का तर्क सर्वथा अनदेखा नहीं किया जा सकता।

केस डायरी से दर्शित होता है कि विवेचना अभी प्रारंभिक स्तर पर है ऐसी स्थिति में आवेदक/आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिए जाने पर संबंधित आवश्यक दस्तावेजों में छेड़छाड़ अथवा विलोपन की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता जिसके आधार पर प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त किया गया है।


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