सरगुजा

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हम विकास में सत्ता पक्ष के साथ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,28 अप्रैल। नगर निगम सरकार गठन के बाद पहली बार अंबिकापुर नगर के कंपनी बाजार स्थित सरगुजा सदन में नगर निगम द्वारा सामान्य सभा की पहली बैठक आयोजित की गई,अब तक के इतिहास में पहली बार कोई सांसद नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में पहुंचे थे।सामान्य सभा की बैठक प्रारंभ होने के कुछ देर बाद सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज अंबिकापुर महापौर मंजूषा भगत के एक फोन कॉल कर बुलाने पर सभा में पहुंच गए,जहां सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों ने ही उनका अभिवादन कर स्वागत किया।सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों ने ही सांसद से कई महत्वपूर्ण मांग कि जिस पर सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने कहा कि मैं कोई भी घोषणा नहीं करता हूं लेकिन आपके आवेदन पर जितना भी संभव हो उसे पूरा कराने हर संभव प्रयास करूंगा।सरगुजा सांसद ने शहर में निर्बाध रूप से पेय जल आपूर्ति हो सके इसके लिए पक्ष-विपक्ष दोनों की मांग पर पानी टैंकर के लिए विशेष रूप से तत्काल पहल करने की बात कही।
सांसद ने सामान्य सभा में सरगुजिया भाषा के साथ नगर निगम के अधिकारियों के साथ वार्ता की एवं शहर के 48 वार्डों में पेयजल आपूर्ति स्थिति से अवगत हुए,जहां नगर के नमनाकला के दो वार्ड एवं गंगापुर में पेयजल
आपूर्ति में बाधा आने की बात सामने आई,जिस पर सत्ता पक्ष के वरिष्ठ पार्षद आलोक दुबे एवं विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष सफी अहमद ने सांसद से 10 पानी टैंकर उपलब्ध कराने का आग्रह किया,जिस पर सांसद ने पानी टैंकर के लिए तत्काल पहल करने की बात कही है। सांसद ने कहा कि वह स्वयं अंबिकापुर नगर निगम में रहते हैं इसलिए उनकी जिम्मेदारी है कि वह आवश्यक मूलभूत सुविधा के लिए प्रयास करेंगे,सांसद ने कहा कि दोनों हाथ से ताली बजेगी तभी नगर निगम का विकास होगा,वह यहां से जाते ही जो भी आवश्यक कार्य हैं उसके लिए चि_ी लिखेंगे और प्रयास रहेगा कि शीघ्र पेयजल आपूर्ति के लिए नगर निगम को टैंकर उपलब्ध हो पाए।
प्लेसमेंट कर्मचारी अधिकारियों के यहां सब्जी ढोने, गाड़ी धोने व बच्चे को स्कूल छोडऩे का कर रहे काम
सामान्य सभा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद एवं सत्ता पक्ष के पार्षद आलोक दुबे ने सामान्य सभा में प्रश्न लगाया था कि नगर निगम में कितने प्लेसमेंट कर्मचारी और नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं,इस पर अधिकारियों की ओर से कोई जवाब नहीं पहुंचने पर दोनों ही नाराज हो गए और कहा कि पार्षद जो भी प्रश्न लगाए हैं उन्हें अधिकारी द्वारा लिखित जवाब दिया जाए ताकि वह उसका सप्लीमेंट्री पूछ सकें।पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि कई प्लेसमेंट कर्मचारी ऐसे हैं जो अधिकारियों के यहां सब्जी ढोने,गाड़ी धोने एवं बच्चों को स्कूल पहुंचने का काम कर रहे हैं,इसकी जांच होनी चाहिए ताकि नगर निगम के विकास में कोई बाधा ना आए।लोक निर्माण विभाग के प्रभारी मनीष सिंह ने कहा कि प्लेसमेंट कर्मचारी नगर निगम हित के लिए कार्य कर रहे हैं कि अन्यत्र जगह इसका परीक्षण कराएंगे,
नियमों के विपरीत होगा तो सुधार कराया जाएगा। महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि अगर ऐसा है तो जांच कराया जाएगा हमें आए दो महीने हुए हैं प्रश्न लगाने वाले पार्षद व नेता प्रतिपक्ष अनुभवी है उनके समय के ही सारे कर्मचारी यथावत हैं।आयुक्त नगर निगम ने प्रश्न के संदर्भ में कहा कि पूर्व में परीक्षण कराया गया था,जो इधर-उधर कार्य कर रहे थे उन्हें सही जगह लगाया गया है, फिर से परीक्षण करा लेने की बात आयुक्त ने कही।
सांसद 23 करोड़ की राशि रिलीज करा दे, निगम विकास में होगी बहुत मदद-शफी अहमद
सामान्य सभा के दौरान सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज के सदन में पहुंचने पर नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने उनका स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा कि सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज बहुत ही गंभीर जनप्रतिनिधि हैं वह अंबिकापुर नगर निगम के लिए काफी सोचते हैं.उन्होंने कहा कि अभी शहर के 25 प्रतिशत सडक़ की स्थिति अच्छी नहीं है,राज्य शासन से जो 23 करोड़ की राशि नगर निगम को नहीं मिल पाई है उसे सांसद जी रिलीज करा दे तो निगम के विकास में बहुत बड़ा कदम होगा।
लमसम प्रस्ताव भेजेंगे तो मिलने में होगी मुश्किल
सामान्य सभा की बैठक में लोक निर्माण विभाग के प्रभारी मनीष सिंह ने कहा कि शहर विकास के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहे हैं,पिछली सरकार में विकास के काम काफी कम हुए हैं अभी बहुत सारे विकास कार्य करने हैं।राज्य शासन द्वारा सीडीपी मंगाई गई है,जिसमें पार्षदों को अपने वार्ड में विकास के लिए प्रस्ताव मंगाया गया है,बहुत सारे कार्य नगर निगम विकास के लि?ए सीडीपी के द्वारा कराया जाएगा।इस पर नेता प्रतिपक्ष सफी अहमद ने कहा कि हवा हवाई में पैसा शासन से नहीं मिलेगा,सिस्टमैटिक प्रस्ताव भेजेंगे तभी पैसा मिल पाएगा, बाकी अगर ऐसे ही रुपए ले आते हैं तो अच्छा है,विकास में सत्ता पक्ष के साथ सौ प्रतिशत विपक्ष खड़ा है। लेकिन लमसम प्रस्ताव भेजेंगे तो रुपए मिलने में मुश्किल होगा। इसके अलावा श्री अहमद ने कहा कि शहर में विद्युत,सडक़ की व्यवस्था बदतर हो गई है।रिंग रोड में काफी स्थिति खराब है आधा रिंग रोड अंधेरे में डूबा हुआ है,विद्युत सामग्रियों का अभाव है।जो पार्षदों से जनता को उम्मीद है कि उनके वार्ड में रिपेयरिंग का काम हो पाए वह भी नहीं हो पा रहा है। श्री अहमद ने कहा कि हर जोन में पांच-पांच लाख रुपए की व्यवस्था की जाए ताकी पार्षद सडक़ नाली का रिपेयरिंग करा सके और भी कई महत्वपूर्ण काम कर सके।
शहर के अंदर एनएच और पीडब्ल्यूडी की सडक़ को निगम में शामिल करने भेजेंगे प्रस्ताव-महापौर
सामान्य सभा में महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि शहर में देवीगंज रोड,सदर रोड और खरसिया चौक तक एनएच और पीडब्ल्यूडी की सडक़ है,जिसका काफी दिनों से मरम्मत नहीं हो पाया है,नगर निगम के अधीन नहीं होने से उक्त सडक़ नहीं बन पा रही है।महापौर ने कहा कि उक्त सडक़ों को नगर निगम में शामिल करने राज्य शासन एवं केंद्र शासन को प्रस्ताव भेजने की बात कही जिस पर पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि यह पर्वत चढने के बराबर है,इसमें काफी समय प्रक्रिया में जाएगा इससे अच्छा है कि ज्यादा से ज्यादा राशि लाने की पहल की जाए। महापौर के इस प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा कि वह महापौर मंजूषा भगत व पार्षद आलोक दुबे दोनों की बात पर सहमत हैं,एक तरफ केंद्र और राज्य शासन को नगर निगम के अधीन सडक़ को लाने प्रस्ताव भेजना चाहिए और दूसरी ओर अधिक राशि लाने का भी प्रयास करना चाहिए ताकि सडक़ का मरम्मत सही समय पर होता रहे।
शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
नगर निगम अंबिकापुर की पहली सामान्य सभा की बैठक सोमवार को सरगुजा सदन कंपनी बाजार में आयोजित हुई। जिसमें महापौर मंजूषा भगत, नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद सहित सभी पार्षदों ने जल संरक्षण और उसके विवेकपूर्ण उपयोग की शपथ ली। बैठक की शुरुआत पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई।
विपक्ष ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध-
नगर निगम अम्बिकापुर की आज हुई पहली सामान्य सभा की बैठक में विपक्ष द्वारा काली पट्टी बांधकर विरोध जताया गया।विदित हो कि निगम चुनाव जीतने के बाद महापौर मंजूषा भगत ने निगम में पहली हिंदू महापौर बनने की बात कही थी जिसे लेकर विपक्षी नेताओं ने आज निगम की पहली बैठक में ही विरोध जताया।
इस मुद्दे को जब नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने उठाया तो महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि मेरे द्वारा ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है। मैं अपने बयान से किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती थी। महापौर के इस बात से सहमत होकर विपक्षी नेताओं ने अपनी काली पट्टी उतार दी।