सरगुजा

1 मई को ट्रेड यूनियन कौंसिल का मनेन्द्रगढ़ में श्रमिक सम्मेलन-श्रीवास्तव
27-Apr-2025 11:12 PM
1 मई को ट्रेड यूनियन कौंसिल का मनेन्द्रगढ़ में श्रमिक सम्मेलन-श्रीवास्तव

11 को श्रम श्री और एक को वरिष्ठ नागरिक श्री सम्मान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 27 अप्रैल। प्रतिवर्ष की भांति ट्रेड यूनियन कौंसिल, छत्तीसगढ़ श्रमिक दिवस पर अपने निर्धारित सम्मेलन को इस वर्ष मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मुख्यालय और छत्तीसगढ़ के उत्तरी-पश्चिमी द्वार मनेन्द्रगढ़ में आयोजित करने जा रहा है। 1981 में स्थापित इस संगठन ने अपनी 48 वर्ष की आयु को पूर्ण कर लिया है। 1981 में इस संगठन का निर्माण वरिष्ठ अधिवक्ता जेपी श्रीवास्तव एवं उनके साथियों ने किया था।

संगठन के वर्तमान प्रांताध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव ने कहा है कि श्रमिकों, कृषकों और कमचारियों की आवाज को उठाने वाला उनका यह संगठन श्रमिक दिवस को इस दिशा में सतत आगे बढऩे के लिये और संगठन में विचारों के नवीकरण के लिए चर्चा करता है जिससे यह संगठन समाज के तात्कालिक सरोकारों को उठा पाता है। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि नवंबर 2000 को ट्रेड यूनियन कौंसिल ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों/मस्टर रोल कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री को ‘रोटी की पाती’ के नाम से एक मांगपत्र दिया था। इसके उपरांत से छत्तीसगढ़ में हजारों अनियमित एवं मस्टर रोल कर्मचारियों का नियमितिकरण हुआ। 11 सितंबर 2000 से 60 दिनो तक ट्रेड यूनियन कौंसिल ने सरगुजा अधिकार मोर्चा के साथ मिलकर सरगुजा को संभाग बनाने, राजस्व मंडल की स्थापना और सरगुजा में तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए धरना दिया। आज संभाग मुख्यालय के रूप में सरगुजा जिला उत्तरी छत्तीसगढ़ का अहम प्रशासनिक केन्द्र है।अस्सी के दशक में संगठन निरंतर सरगुजा में रेल विस्तार की मुहीम के लिये संघर्षरत् रहा।

 विश्रामपुर से अम्बिकापुर तक रेलमार्ग विस्तार के लिये विश्रामपुर रेलवे स्टेशन पर 21 दिन का आन्दोलन किया गया। इसमें ट्रेड यूनियन कौंसिल के आधार स्तंभ रहे स्व. विजय नारायण सिंह, स्व. एसएन तिवारी, जगदीश पाण्डेय,ब्रम्हाशंकर सिंह,विनय सिन्हा, आरपी बडग़ोत्या की अहम भूमिका रही। रेल दो या जेल दो के अहम नारे के साथ यह आन्दोलन विख्यात रहा।

इसके अलावा सरगुजा के पहाडी कोरबा जनजाति के 196 परिवार को वन भूमि अधिकार का पट्टा देने के लिये ज्ञापन दिया गया, जिसके परिणामस्वरुप इन परिवारों को सामूहिक रुप से वन अधिकार पट्टा दिया गया। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के संरक्षण एवं उनके हितलाभ के लिये वर्ष 2003 से संगठन द्वारा किये गये प्रयासों के फलस्वरूप शासकीय स्तर पर उनके लिये अनेक योजनाएं बनी एवं पंजीयन हुए।

48 वर्ष पुराना यह संगठन मई दिवस को सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल, मनेन्द्रगढ़ में अपना सम्मेलन करने जा रहा है। इसमें पूरे प्रदेश के करीब 25 से अधिक जिलों से प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन के प्रथम सत्र में 11.30 बजे से 1 बजे तक प्रतिनिधियों के मध्य श्रमिकों की समस्याओं पर परिचर्चा होगी। 1 बजे के बाद खुला सत्र आयोजित किया जायेगा। श्री जे0पी0 श्रीवास्तव जी ने सरकार को यह सुझाव दिया है कि मई दिवस को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा होनी चाहिये।

उन्होंने कहा कि सम्मेलन के माध्यम से संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के साथ ही आंगनबाडी कर्मचारी, मितानिन और पंचायत कर्मियों का शासकीय व्यय पर बीमा करने की मांग का प्रस्ताव पारित किया जायेगा। यह मांग भी किया जायेगा कि केन्द्र सरकार के समतुल्य महंगाई भत्तों को तत्काल राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों को दें। सम्मेलन में यह मांग भी रखा जाएगा कि आठवें वेतन आयोग की कारवाई को जल्द से जल्द पूर्ण कर उसे लागू किया जाये, ताकि सरकारी कर्मचारियों को महंगाई के इस दौर में बढ़ी हुई आमदनी मिल सके। आठवें वेतन आयोग को लागू करने के साथ ही

ट्रेड यूनियन कौंसिल छत्तीसगढ के संयोजक द्वितेन्द्र मिश्रा ने बताया कि आंगनबाड़ी कर्मचारी, मितानिन और पंचायत कर्मियों के वेतन-मानदेय को बढ़ाने की मांग का प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। सम्मेलन के दौरान 11 लोगों को श्रम श्री और 1 वरिष्ठ नागरिक को वरिष्ठ नागरिक श्री सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।

संगठन के प्रांताध्यक्ष श्री श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि मई दिवस 2026 का कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के दक्षिण में बस्तर में आयोजित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि 43 वर्ष के कार्यकाल में ट्रेड यूनियन कौसिल, छत्तीसगढ का परिवार निरंतरता से बढ़ा। आज 50 से अधिक श्रमिक, कृषक एवं कर्मचारी संगठन ट्रेड यूनियन कौंसिल, छत्तीसगढ से जुडे हुए हैं। पूरे छत्तीसगढ में संगटन से परोक्ष और अपरोक्ष रुप से जुडे सदस्यों की संख्या हजारों में है। 43 वर्ष तक संगठन का दायित्व उठाने के बाद मई दिवस के मनेन्द्रगढ सम्मेलन में वे उपने उत्तराधिकारी का चयन कर उसे संगठन की जिम्मेदारियां सौपने जा रहे हैं। हालांकि संगठन से निरंतर जुडे रहकर श्रमिकों, कृषको और कर्मचारियों के हक में आवाज उठाते रहेंगे।

प्रेस वार्ता के द्वारा काउंसिल के सदस्य अनूप मेहता,आशीष वर्मा,आंचल ओझा सहित अन्य मौजूद थे।


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