सरगुजा

ईपीएफ बोनस व ईएसआईसी की राशि में गड़बड़ी करने, फर्जी बिल लगाकर राशि निकालने का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 16 अप्रैल। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबिकापुर ने आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी के द्वारा पेश परिवाद पर सुनवाई करते हुए चीफ इंजीनियर एवं सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर छत्तीसगढ़ स्टेट पावर लिमिटेड अंबिकापुर साहित ठेकेदार प्रभोजत सिंह भल्ला के विरुद्ध जांच करने का आदेश पारित किया है।
मामला छत्तीसगढ़ स्टेट पावर लिमिटेड अंबिकापुर के चीफ इंजीनियर कार्यालय का है जहां पर करोड़ों रुपए के फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज लगाकर ठेकेदार से मिलीभगत कर ई.पी.एफ बोनस एवं ई.एस.आई.सी की राशि गबन करने के संबंध में है जिसमें डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट के द्वारा एक आवेदन थाना अंबिकापुर कोतवाली में मेसर्स आरके एसोसिएट्स, मैट्रिक सर्विस एवं गुरुकृपा ग्रुप के द्वारा वेतन से ईपीएफ बोनस एवं ईएसआईसी की राशि में गोलमाल करने तथा फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपए की राशि निकालने के संबंध में कार्यपालन निदेशक(अ.क्षे.) अंबिकापुर के जांच रिपोर्ट 24 फरवरी 2023 के साथ प्रस्तुत किया गया एवं संबंधित अधिकारियों तथा मेसर्स आरके एसोसिएट्स, मैट्रिक सर्विस एवं गुरुकृपा के डायरेक्टर/प्रोप्राइटर के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज करने का निवेदन किया गया था।
उक्त मामले में आरोप है कि मेसर्स आरके एसोसिएट्स, मैट्रिक्स सर्विस एवं गुरुकृपा ग्रुप के द्वारा वेतन से ईपीएफ बोनस एवं ईएसआईसी की कटौती प्रति माह की जाती है लेकिन उक्त कटौती का लाभ बाह्य स्रोत से कार्यरत कर्मचारियों को प्राप्त नहीं होने के संबंध में शिकायत का परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही हेतु किया गया था उक्त शिकायत के संबंध में कार्यपालन निदेशक(अ.क्षे.) छ.स्टे.पा.डि.कं.लि. अंबिकापुर में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर मेसर्स आरके एसोसिएट्स अंबिकापुर को चार कार्यादेश जारी किए गए।
पारित देयको के अवलोकन करने पर उक्त नियम एवं शर्तों को ध्यान में ना रखते हुए ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत 150 नग कंप्यूटर ऑपरेटर हेतु प्रस्तुत देयक माह अगस्त 2020, सितंबर 2020, अक्टूबर 2020, नवंबर 2020, दिसंबर 2020, जनवरी 2021, फरवरी 2021 के देयक में ईपीएफ चालान फर्जी तरीके से परिवर्तित कर संलग्न किया गया है अवधि के देयक के साथ संलग्न ईपीएफ के चालान को बगैर सत्यापित किए देयको को पारित किया गया। फलस्वरूप ठेकेदार मैसर्स मैट्रिक्स सर्विसेज अंबिकापुर को 29,48,036/- का अधिक भुगतान किया गया। इस प्रकार उक्त प्रकरण में कंपनी को लगभग 1,62,00,819/- की क्षति हुई।
तीनों प्रकरणों में वास्तविक उपस्थिति पत्रक एवं ई पी एफ, ईएसआईसी के दस्तावेजों के बगैर सत्यापन के देयक पारित करने से फर्म को लगभग 1,82,86,907/-रुपए का अधिक भुगतान होना दृष्टिगत होता है उपरोक्त फर्जी भुगतान करने वाले अधिकारी एवं ठेकेदार की मिलीभगत साजिश है तथा कूटरचित दस्तावेजों को प्रस्तुत कर शासकीय राशि का सुनियोजित तरीके से किया गया है जो कि कार्यपालन निदेशक की जांच प्रतिवेदन से प्रमाणित है जिसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने भी यह माना की प्रथम दृष्टया यह दर्शित हो रहा है की उपस्थिति पत्रक ई.पी.एफ और ई.एस.आई.सी के दस्तावेजों का सत्यापन किए बगैर स्वीकृत राशि से अधिक राशि का भुगतान किया जाना प्रथम दृष्टया से दर्शित हो रहा है जिसके कारण डी.के. सोनी की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना आवेदन 156(3) द. प्र.सं. स्वीकृत किया जाता है तथा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने थाना अंबिकापुर को यह भी आदेर्शित किया कि उक्त मामले में प्रारंभिक जांच कर संबंधित पक्षकारों के विरोध सुसंगत धाराओं 409, 420,467,468, 120बी भादवि में अभियोग पंजीबद्ध कर नियमानुसार विवेचना किया जाना सुनिश्चित करें तथा दो सप्ताह के भीतर प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर न्यायालय के समक्ष करना सुनिश्चित करें।