सरगुजा

कांग्रेसियों ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाई जयंती
15-Apr-2025 8:47 PM
कांग्रेसियों ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाई जयंती

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 16 अप्रैल। बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर आज जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में कांग्रेसजनों के द्वारा उनके तसवीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

बाबा साहेब की जयंती पर आयोजित सभा में राष्ट्र के प्रति उनके योगदान की वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य पर गहन चर्चा भी हुई। बाबा साहब के नारे शिक्षित हो, संगठित रहो और संघर्ष करो का उल्लेख करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि यह नारा आज के अघोषित आपातकाल में प्रासंगिक हो गया है।

भाजपा द्वारा सत्ता में बने रहने के लिए समाज मे फैलाये जा रहे झूठ पर हमें शिक्षित होना है, भाजपा के विभाजन कारी नीतियों के विरोध में हमे संगठित होना है और देश मे लोकतंत्र की पुन: स्थापना के लिए संघर्ष करना है। सभा को संबोधित करते हुए 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष  अजय अग्रवाल ने कहा कि बाबा साहब ने अस्पृश्यता के खिलाफ संघर्ष करके आजाद भारत के संविधान के माध्यम से इसे अप्रासंगिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज मनुस्मृति के पैरोकारों के शासन में एक दलित राजनेता के मंदिर प्रवेश पर उसे भाजपाई गंगाजल से धुलवा रहे हैं।

 सभा को संबोधित करते हुए निगम में  नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा कि बाबा साहब ने समाज मे समानता की आवाज उठायी थी। इस दिशा में कदम उठाते हुए उन्हें संविधान सभा में मत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी।

संविधान के निर्माण के बाद कांग्रेस के शासन में इस दिशा में मत्वपूर्ण पहल किये गए जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये। लेकिन पिछले10 वर्षों में जिस प्रकार से संविधान को तार तार किया गया है उससे बाबा साहब के समानता की अवधारणा को चोट पहुंची है।

सभा को संबोधित करते हुए पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि बाबा साहब के बनाये हुए संविधान के माध्यम से नागरिकों का हित  केवल कांग्रेस ही कर सकती है। सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जे पी श्रीवास्तव ने कहा कि बाबा साहब के द्वारा दिया गया भारत का संविधान भारत के नागरिकों के लिए गीता, क़ुरान, बाइबिल और गुरुग्रंथ साहिब की तरह है और भारत का नागरिक गीता, क़ुरान, बाइबिल और गुरुग्रंथ साहिब की तरह पवित्र संविधान के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नही करेगा।

 पीसीसी महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा ने बाबा साहब के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए यह संदेश दिया कि जिस प्रकार बाबा साहब ने तत्कालीन समाज में जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष छेड़ा था, आज के भयावह राजनीतिक परिस्थितियों में ऐसे ही राजनीतिक संघर्ष की आवश्यकता है। 

सभा को अन्य कई वक्ताओं ने भी संबोधित किया। इस दौरानमो शफीक खान, मो इस्लाम, विनय शर्मा, दुर्गेश गुप्ता, जगन्नाथ कुशवाहा, रामविनय सिंह, रशीद अहमद अंसारी, मदन जायसवाल, सीमा सोनी, संजय विश्वकर्मा, अरविंद कुमार सिंह, हेमंत तिवारी, गीता प्रजापति, विनीत जायसवाल, अनिल सिंह, राजीव अग्रवाल,लालचंद यादव, लक्ष्मी गुप्ता, पपिन्दर सिंह, मो हसन, कलीम अंसारी, मो बाबर, अनूप मेहता, अशफाक अलि, गुरुप्रीत सिद्धू, दिनेश सोनी, मो जमील, प्रशांत सिंह, प्रमोद चौधरी, बालकेश्वर तिर्की, नरेंद्र विश्वकर्मा, अजय सिंह, आलोक सिंह, मेराज रंगरेज, लोकेश पासवान, अमित वर्मा, निखिल विश्वकर्मा, सुदामा कुर्रे, नीतीश कुमार चौरसिया, शुभम जायसवाल, सतीश बारी,चंद्रप्रकाश सिंह, विवेक सिंह, आशीष जायसवाल, आतिश शुक्ला, अमित सिंह, दिलीप धर, अमित तिवारी राजा, दिनेश कुमार शर्मा, मिथुन सिंह,संजय सिंह, सूरज यादव, गंगा प्रसाद, देव प्रताप सिंह, शकील सिद्दकी, मंजू सिंह, अनिता सिन्हा, सौरभ फिलिप, रोशन कन्नौजिया, बिज्जू गुप्ता, दुर्गा गुप्ता, साधना कश्यप, मोमिन खातून, रश्मि सोनी सपना सिन्हा, संगीत मिंज, रविरंजन पाल, बैजनाथ, सावित्री ठाकुर, अशोक कुमार सिंह, अविनेन्द्र सिंह, मो अख्तर फिरदौसी, विकास दुबे, अविनाश कुजूर, मनोज सिंह भदौरिया, वीरेंद्र पाठक,  ऋसभ जायसवाल, अंकित जायसवाल आदि मौजूद थे।


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