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पीसीबी ट्रॉफी: चंदन नगर और हरिहरपुर फाइनल में
01-Mar-2025 8:37 PM
पीसीबी ट्रॉफी: चंदन नगर और हरिहरपुर फाइनल में

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

उदयपुर, 1 मार्च। पीसीबी ट्रॉफी अंतर्ग्रामीण फुटबॉल टूर्नामेंट में चौथे दिन के मुकाबले में शुक्रवार को सेमीफाइनल का मैच भी बेहद रोमांच से भरा था, जिसमें संबलपुर, चंदन नगर, साल्ही और हरिहरपुर की टीमें आमने-सामने थीं। इस दौरान, कांटे की टक्कर के बाद चंदननगर और हरिहरपुर ने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।

टूर्नामेंट में सभी प्रतिस्पर्धी खिलाडिय़ों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया और अंतिम दौर तक दर्शकों को को खेल से जोड़े रखा। अब टूर्नामेंट अपने अंतिम चरण में पहुँच चुका है और शनिवार शाम को टूर्नामेंट का फाइनल मैच खेला गया।

शुक्रवार को पहले सेमीफाइनल में संबलपुर और चंदननगर के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला। निर्धारित समय तक दोनों टीमें बराबरी पर रहीं, जिससे मैच टाई ब्रेकर तक गया। वहाँ, चंदननगर के खिलाडिय़ों में संदीप कुमार चौहान, अंकुश कुमार मरकाम, योगेन्द्र सिंह उईके, राजेंद्र कुमार मरकाम, नागेश कुमार मरकाम ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को 5-4 से जीत दर्ज कर फाइनल में प्रवेश किया।

वहीं, दूसरे सेमीफाइनल में हरिहरपुर और साल्ही के बीच रोमांच चरम पर था। दोनों टीमों ने जोरदार प्रदर्शन किया, लेकिन निर्धारित समय में कोई भी बढ़त नहीं बना सका। नतीजतन, मुकाबला टाई ब्रेकर में पहुँचा, जहाँ हरिहरपुर ने 4-3 से जीत दर्ज की। इस मुकाबले में हरिहरपुर के गोलकीपर अजीत ने शानदार खेल दिखाया और कई महत्वपूर्ण बचाव कर टीम की जीत में अहम् भूमिका निभाई।

टूर्नामेंट का फाइनल मैच शनिवार शाम को इस श्रृंखला की बेहतरीन टीम चंदन नगर और हरिहरपुर के बीच कड़ा मुकबाल हुआ। दोनों ही टीमों के खिलाडिय़ों ने अपनी बेहतरीन मैदान नीति से दर्शकों को अचंभित कर दिया। शाम 5 बजे से शुरू हुए इस मुकाबले का तीन पेशेवर रेफरियों के मार्गदर्शन और नेतृत्व में दर्शकों ने उच्च स्तरीय फुटबॉल का लुत्फ उठाया।

 विजेता टीम को 31000 तथा उपविजेता टीम को 21000 का नगद पुरस्कार के साथ-साथ पीसीबी ट्रॉफी प्रदान की गई। इस टूर्नामेंट में कोरबा और सूरजपुर जिलों के साथ साथ स्थानीय ग्रामों की कुल 24 टीमों के 360 खिलाडिय़ों के मध्य कुल 23 मुकाबले खेले गए हैं।

आरआरवीयूएनएल द्वारा क्षेत्र में ढाँचागत विकास की श्रृंखला के तहत खदान के पास स्थित 14 गाँवों की बड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों की मरम्मत, बाला पेंटिंग, अतिरिक्त कक्षाओं और पक्के शौचालयों का निर्माण, गाँवों में सडक़ों का निर्माण, यात्री प्रतीक्षालयों की मरम्मत और सौंदर्यीकरण जैसे कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 450 हेक्टेयर से अधिक खनन क्षेत्र में 14 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं।


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