सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर,18 मई। खोरमा में 31 अगस्त 2020 को हुई हत्या के मामले में विशेष सत्र न्यायालय सूरजपुर ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई, साथ ही लूट और अवैध हथियार रखने के मामलों में भी कठोर सजाएं दी है।
जानकारी के अनुसार मृतक चित रेंग साहू, पेशे से वाहन चालक, स्कार्पियो वाहन (क्रमांक सीजी 04-ईआर-0216) से आरोपियों को खोरमा की ओर ले जा रहे थे। रास्ते में सूनसान स्थान पर योजनाबद्ध ढंग से आरोपियों ने उनकी हत्या कर दी और वाहन, मोबाइल, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य सामान लूटकर फरार हो गए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण न्यूरोजेनिक शॉक बताया गया, जो दम घुटने और गंभीर चोटों से हुई थी।
पुलिस ने प्रारंभ में धारा 174 के तहत मर्ग दर्ज किया। तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज, होटल रजिस्टर और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जांच आगे बढ़ी। आरोपियों को रायपुर से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद लूटी गई स्कार्पियो, मोबाइल और अन्य वस्तुएं बरामद की गईं। फॉरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट ने अभियोजन पक्ष को मजबूत आधार दिया।
सेशन केस क्रमांक 08/2021 में सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश सिंह चौहान की अदालत ने धारा 302 (हत्या): आजीवन कारावास,धारा 394 (लूट): 10 वर्ष कठोर कारावास,आर्म्स एक्ट: 3 वर्ष की सजा सुनाई गई है, सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
सरकारी अधिवक्ता कृष्ण कुमार नाविक ने राज्य सरकार की ओर से मुकदमे की जोरदार पैरवी की। उन्होंने तकनीकी साक्ष्य, मेडिकल दस्तावेज एवं चश्मदीद गवाहों की मदद से यह साबित किया कि यह एक पूर्व-नियोजित और क्रूर अपराध था।यह अपराध अत्यंत निंदनीय है। एक निर्दोष व्यक्ति, जो केवल अपने जीविकोपार्जन के लिए कार्य कर रहा था, उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई। समाज में ऐसे अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।


