सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 17 मई। भीषण गर्मी में आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत गोविंदपुर के सैकड़ों ग्रामीण तीन महीनों से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। गांव में सौर ऊर्जा से संचालित सोलर पंप और टंकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। प्रशासन की अनदेखी के कारण यह सोलर पंप अब केवल शोपीस बनकर रह गया है। ग्रामीणों ने विधायक, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई, लेकिन किसी ने भी इस गंभीर समस्या को हल करने की जहमत नहीं उठाई।
गोविंदपुर के तेली पारा और हरिजनपारा इलाके में पानी की भारी किल्लत से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। क्षेत्र के निवासी कई दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं होने की समस्या से जूझ रहे हैं। हालात इतने खराब है कि लोगों को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी एवं मोहल्लेवासी ने बताया है कि सुबह 4 बजे से ही लाइन में लगना पड़ता है , लेकिन तब भी पानी बहुत कम आता है। बच्चों और बुजुर्गों को भारी दिक्कत हो रही है। ग्राम पंचायत गोविंदपुर के ग्रामीणों ने कई बार जनसमस्या निवारण शिविर में और जनप्रतिनिधि को शिकायत भी किये हैं, लेकिन आज तक न कोई समस्या को सुना और न समस्या का स्थाई समाधान हुआ है , न तो पानी मिल रहा है, और न ही सरकार की महत्वकांक्षी योजना नल जल योजना में भी आज तक पानी नहीं मिला है।
कुएं और गंदे जलस्रोतों
से बुझानी पड़ रही प्यास
पेयजल संकट के चलते ग्रामीणों को नदी, कुआं और ढोढ़ी (छोटे जल स्रोत) का गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह पानी दूषित होने के कारण गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। गर्मी के मौसम में यह संकट और भी भयावह रूप ले सकता है।
पंप कुछ ही महीनों में खराब
गोविंदपुर ग्राम पंचायत में क्रीड़ा विभाग सूरजपुर द्वारा सौर सुजला योजना के तहत सोलर पंप स्थापित किया गया था, ताकि ग्रामीणों को नि:शुल्क और स्वच्छ पानी मिल सके।
लेकिन खराब गुणवत्ता वाले उपकरणों के कारण यह पंप कुछ ही महीनों में खराब हो गया। इसके बाद से शासन-प्रशासन ने आंखें मूंद ली और जनप्रतिनिधियों ने भी कोई सुध नहीं ली।
आंदोलन की चेतावनी
गांव के लोगों ने कई बार शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। आज हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण अब आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। यदि जल्द ही इस समस्या का हल नहीं निकला तो ग्रामीण प्रदर्शन और धरना देने को मजबूर होंगे।
इस मामले को लेकर एसडीएम ललिता भगत ने कहा कि मामला गंभीर है और उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया जाएगा और जल्द से जल्द पानी की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।


