सूरजपुर

किसानों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 6 नवंबर। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दवनकरा के समिति प्रबंधक पर किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
किसानों का आरोप है कि समिति प्रबंधक संतोष नाविक ने कई किसानों के फर्जी हस्ताक्षर कर उनके खातों से लाखों रुपये का गबन किया है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे किसानों में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश है।
ज्ञापन में किसानों ने आरोप लगाया है कि समिति प्रबंधक संतोष नाविक ने ग्राम पंचायत सेमराखुर्द के किसान राजाराम और बृजमोहन के नाम से धान बिक्री से संबंधित कुल 1,54,500 रुपये की राशि को फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से निकाल लिया।
इस मामले की शिकायत चन्दौरा पुलिस थाना में की गई, और एफआईआर भी दर्ज की गई, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की,जिससे किसान बेहद निराश और परेशान हैं।
साथ ही, ग्राम पंचायत केंवरा के किसान मंगलसाय के नाम से सहकारी बैंक प्रतापपुर से 1,06,250 रुपये का कर्ज निकाले जाने का भी आरोप लगाया गया है। हालांकि, शिकायत के कुछ समय बाद उक्त कर्ज राशि किसान के खाते में वापस जमा कर दी गई, लेकिन इससे किसानों का विश्वास प्रशासन और बैंकिंग प्रणाली से उठ गया है।
खाद वितरण में भी घोटाला, किसानों से अवैध वसूली
किसानों का कहना है कि समिति प्रबंधक संतोष नाविक ने खाद वितरण के दौरान भी फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने किसानों से शेयर के नाम पर पैसे वसूले, लेकिन किसानों को कोई पावती नहीं दी गई। इस अवैध वसूली से किसानों को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ बल्कि उनका विश्वास भी प्रशासन और समिति पर से उठने लगा।
फर्जी धान बिक्री और अन्य आरोप
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2019-20 में समिति प्रबंधक ने अपने नाम पर करीब 119 क्विंटल धान फर्जी तरीके से बेच दिया था। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जनदर्शन में की गई थी और जांच के दौरान यह आरोप सही पाए गए थे, लेकिन फिर भी अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
इसके अलावा, इफको और यूरिया खाद वितरण में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है, लेकिन विभाग के उच्चाधिकारी की मिलीभगत से मामले को रफा-दफा कर दिया गया। किसानों का कहना है कि यदि निष्पक्ष जांच की जाती है तो करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हो सकता है।