सूरजपुर

शक्ति क्षीण कर देने के बाद भी विवि आ रहे पूर्व कुलपति
17-Oct-2024 10:29 PM
शक्ति क्षीण कर देने के बाद भी विवि आ रहे पूर्व कुलपति

कुलसचिव ने कहा सामान्यत: इस स्थिति में नहीं आते हैं, आ भी रहे हैं तो कोई दिक्कत नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर,17 अक्टूबर। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कुप्रशासन तथा अव्यवस्था को लेकर तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर अशोक सिंह की शक्ति को राज्यपाल ने क्षीण कर दिया है, इसके बावजूद प्रोफेसर अशोक सिंह संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में आ रहे हंै और अपने चेंबर में बैठ रहे है,यही नहीं वह कई फ़ाईलों को भी देख रहे हैं। अशोक सिंह के आने-जाने का विश्वविद्यालय में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस मामले को लेकर संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुल सचिव शारदा प्रसाद त्रिपाठी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कभी कभी वे आते हैं, उनके आने से कोई दिक्कत नही है। उन्हें अभी हटाया नहीं गया है,धारा 52 लगा हुआ है,शक्तियां उनकी क्षीण की गई है। प्रोफेसर अशोक सिंह नीतिगत निर्णय नहीं ले रहे हैं और न ले पाएंगे।  विश्वविद्यालय में धारा 52 लगने और कुलपति के विश्वविद्यालय में आने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सामान्यत: इस स्थिति में नहीं आते हैं। अगर वे आते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है, वह कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं।

प्रोफेसर अशोक सिंह द्वारा कुछ फाइलों को देखने के प्रश्नों पर कुल सचिव ने कहा कि एक बहुत ही इंपार्टेंट फाइल थी जिसमें सरगुजा संभाग के 88 कॉलेजों के विद्यार्थियों का परीक्षा से संबंधित फाइल थी, अनुशंसा की प्रत्याशा में यह फाइल वह देखे थे।

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कुप्रशासन तथा अव्यवस्था को लेकर कुलपति प्रोफेसर अशोक सिंह की शक्ति को क्षीण कर दिया था। इनके सारी शक्तियों को क्षीण करते हुए नए आदेश आने तक प्रशासनिक पावर अपने हाथों में ले लिया है। छात्र समस्याओं सहित अन्य विवादों को लेकर राज्यपाल ने यह अधिसूचना जारी किया था।जब तक संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में नए कुलपति नहीं आते तब तक तत्कालीन कुलपति की शक्ति क्षीण रहेगी।

राज्यपाल कार्यालय से जारी उप-सचिव आर.पी. पाण्डेय के नाम से जारी अधिसूचना में उल्लेख किया था कि संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय, सरगुजा,अंबिकापुर के कार्यकलापों से कुप्रशासन तथा भारी अव्यवस्था है। विश्वविद्यालय में आंतरिक विवाद एवं समन्वय के अभाव के कारण स्वस्थ शैक्षणिक एवं प्रशासनिक वातावरण का अभाव है। जनसाधारण एवं छात्रों की दृष्टि में विश्वविद्यालय के प्रति विश्वसनीयता में काफी गिरावट आई है।

कुप्रशासन तथा अव्यवस्था को लेकर यत: राज्य सरकार का यह समाधान हो गया है कि ऐसी परिस्थिति निर्मित हो गई है,जिसमें संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय, सरगुजा, अंबिकापुर का प्रशासन, उक्त विश्वविद्यालय के हितों का अपाय किये गये बिना, छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 (क्र. 22 सन् 1973) के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता और यह कि ऐसा करना उक्त विश्वविद्यालय के हितों के समीचीन है,अतएव, छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 (क्र. 22 सन् 1973) की धारा 52 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, एतद्वारा, यह निर्देशित करती है कि उक्त अधिनियम की धारा 13. 14, 23 से 25, 40, 47, 48, 54 तथा 67 के प्रावधान, तृतीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट किये गये उपान्तरणों के अध्यधीन रहते हुए, इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से उक्त विश्वविद्यालय को तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। यह अधिसूचना, प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष की कलावधि के लिये प्रवर्तन में रहने का आदेश दिया गया था।

नए कुलपति के आने का इंतजार

गत दिनों तत्कालीन कुलपति प्रोफ़ेसर अशोक सिंह की क्षीण किए जाने के बाद संत गुरु विश्वविद्यालय में नए कुलपति के आने का इंतजार है,कई कार्य ऐसे हैं जो अभी अटके हुए हैं। कुल सचिव शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि राज्यपाल भवन से कुछ दिनों में निर्णय आने की उम्मीद है, अभी राज्यपाल जरूरी कार्य से दिल्ली गए हुए हैं, उनके आने के बाद कुछ निर्णय लिया जा सकता है।


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