सूरजपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,13 अक्टूबर। विजयादशमी के अवसर पर शनिवार को सरगुजा राज परिवार के महाराज टीएस सिंहदेव व उनके उत्तराधिकारी आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने सरगुजा पैलेस में विधि विधान से पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने ढोल नगाड़ों के साथ अश्व, गज, ध्वज, शस्त्र की पूजा अर्चना करने के साथ ही सरगुजा वासियों के सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की।
पूजा-अर्चना के साथ ही उन्होंने दरबार में बैठकर लोगों से मुलाकात की। इस दौरान लोग भी अपने साथ नजराना लेकर पहुंचे थे। दूर दराज से आए लोगों ने सरगुजा महाराज से मुलाकात करने के साथ ही पैलेस घूमा।
सरगुजा राज परिवार के महाराज टीएस सिंहदेव व उनके उत्तराधिकारी आदित्येश्वर ने विजयादशमी के अवसर पर पैलेस में फाटक, अश्व, गज, शस्त्र, नगाड़ा, नवग्रह, ध्वज, निशान, नगाड़ा सहित अन्य पूजा की। परम्परा के अनुसार पैलेस में रखे शस्त्रों, अश्व, गज की पूजा की गई। पैलेस में होने वाली विशेष पूजा में शामिल होने के लिए राज परिवार से जुड़े सदस्यों के साथ शहर व ग्रामीण क्षेत्रों से लोग पहुंचे थे।
रघुनाथ पैलेस में पूजा अर्चना के बाद टीएस सिंहदेव, आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने पैलेस के कचहरी में बैठकर लोगों से मुलाकात की। सरगुजा महाराज के दरबार में उनसे मुलाकात करने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे।
इस दौरान पूर्व डिप्टी सीएम श्री सिंहदेव ने कहा कि रामायण के प्रसंग से दशहरे की मान्यता जुड़ी है। बाद में समाज के लोगों ने परंपरा बनाई कि राजा में भी भगवान का अंश है, आज में दिन राजा का दर्शन शुभ माना जाता है। मान्यता की बात है मानों तो देवता ना मानो तो पत्थर वाली बात है।
परंपरा को लोग जिस तरह से निभा रहे हैं, वो जिम्मेदारी का अहसास कराता है। आज के समय में हर कोई सक्षम है, लेकिन फिर भी उनको ये लगता है कि उनके साथ खड़ा रहने वाला कोई है इसी भाव के कारण मुझे भी जिम्मेदारी का अहसास होता है।