सुकमा
पीएम आवास योजना से मिली नई जिंदगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 5 अक्टूबर। कभी जंगलों में बंदूक थामे रहने वाली जैमेर निवासी नीला कवासी आज विकास और शांति की मिसाल बन चुकी हैं। गरीबी और मजबूरी ने उन्हें नक्सल रास्ते पर धकेल दिया था, लेकिन दिल के किसी कोने में वह हमेशा एक शांतिपूर्ण जीवन का सपना देखती थीं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में नक्सलियों को नक्सल पुनर्वास योजना 2025 के तहत मुख्यधारा में लौटने का अवसर दिया गया, तब नीला ने हिम्मत दिखाई। उन्होंने आत्मसमर्पण कर न केवल हिंसा का रास्ता छोड़ा बल्कि अपने परिवार के लिए नई शुरुआत करने का संकल्प लिया।
आत्मसमर्पण के बाद शासन-प्रशासन ने नीला को विभिन्न पुनर्वास योजनाओं से जोड़ा। जिला सीईओ मुकुन्द ठाकुर के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत उन्हें एक पक्का मकान और शौचालय की सुविधा मिली। यह घर उनके लिए सिर्फ रहने की जगह नहीं बल्कि जीवन के संघर्ष पर विजय का प्रतीक बन गया। जिला सीईओ के निर्देशन में तकनीकी व रोजगार सहायक ने घर निर्माण की निगरानी और बैंकिंग प्रक्रियाओं में उनका पूरा सहयोग किया। आज नीला अपने परिवार के साथ सुखमय जीवन जी रही हैं और गांव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
भावुक नीला कहती हैं कि पहले हमारे कच्चे घर में बरसात के दिनों में पानी टपकता था। कई बार तो सोने की जगह नहीं बचती थी। अब प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत हमें सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन मिला है। मैं अपने परिवार के साथ चैन की नींद सो पाती हूँ। नीला कवासी प्रधानमंत्री और राज्य सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहती हैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री जी का तहे दिल से धन्यवाद करती हूँ।
आपकी योजनाओं ने हमारे जीवन में उजाला भर दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना से मुझे नया जीवन मिला है, यह उपकार मैं कभी नहीं भूल पाऊँगी।
कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने कहा कि हमारा मूल उद्देश्य यह है कि जो लोग किसी कारण से भ्रमित होकर गलत रास्ते पर चले गए थे, वे अब समाज की मुख्यधारा में लौटकर सम्मान और आत्मनिर्भरता के साथ जीवन जी सकें। जिला प्रशासन नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत ऐसे सभी व्यक्तियों के पुनर्वास और पुनस्र्थापन के लिए हर संभव सहयोग प्रदान कर रहा है। सभी शासकीय योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जा रहा है।


