सुकमा
राज्यपाल को कलेक्टर के माध्यम से पत्र लिखा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, सितंबर। छग एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितिकरण एवं 10 सूत्रीय मांगों के साथ 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठे हैं। हड़ताल के एक माह पूरा होने पर भी शासन जहां वार्ता को तैयार नहीं है, वहीं प्रदेश के 16000 कर्मियों को बर्खास्त कर नयी भर्ती हेतु आदेश निकालकर दमनकारी नीति अपना रही है। इसका विरोध एवं मजबूर होकर एनएचएम कर्मियों ने आज इच्छा मृत्यु के लिए राज्यपाल को कलेक्टर के माध्यम से पत्र लिखा।
साथ ही दो थाली नाटक के माध्यम से एनएचएम कर्मचारियों का दुख दर्द भी दिखाया कि आधा रोटी आधा पेट जीवन संविदा की चढ़ गया भेंट। और समान काम समान वेतन के लिए शासन से पुन: निवेदन किया।
संघ का कहना है कि जब हम पिछली बार कांग्रेस सरकार में हड़ताल में थे तब आज के मंत्री उस समय हमें समर्थन देने मंच पर आए थे एवं सरकार बनने के बाद 100 दिन के अंदर नियमितीकरण हेतु कमिटी बनाकर नियमित करने का आश्वासन दिया था। अब जब सत्ता में है तो 20 महीनों में हमने 160 ज्ञापन शासन के हर मंत्री,विधायक एवं प्रशासन को दिया।
दो दिवस का सांकतिक धरना प्रदर्शन किया और 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल में है।
मंत्रीजी ने पहले कहा- नियमितीकरण केंद्र सरकार का मामला है जब संयुक्त सचिव के पत्र एवं सूचना के अधिकार से ये स्पष्ट हो गया कि राज्य सरकार नियमितीकरण कर सकती है तो कमिटी बनाने का आश्वासन दे रहे और पांच मांगे पूरी होने की भ्रामक जानकारी दे रहे जबकि कोई आदेश जारी नही हुआ है।
साथ में दमनकारी नीति अपनाते हुए संघ के 25 कर्मचारियों के बर्खास्तगी का आदेश निकाला और अब सभी को नौकरी से निकालकर नई भर्ती करने का आदेश निकाल दिया ।
शासन के दमनकारी नीति के खिलाफ पहले ही हृ॥रू कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है और अब उग्र आंदोलन और आर पार की लड़ाई करने पर आ गये हैं।
सुकमा एनएचएम जिला अध्यक्ष डॉ. वेद साहू उपाध्यक्ष रीना नायडू एवं प्रवक्ता डॉ. मुकेश बख्शी ने बताया कि अगर लिखित में सभी मांगे पूरी नही हुई तो भूख हड़ताल और आमरण अनशन तक जाएंगे।
मध्यप्रदेश में 62 साल की जाब गारंटी,ग्रेड पे एवं अनुकंपा जैसी सुविधायें हृ॥रू कर्मचारियों को दी जा रही है।फिर यहां भी डबल इंजन की सरकार होने के बाद अपने ही किये वादे को सरकार क्यों पूरा नही कर पा रही है।
सुकमा में स्वास्थ्य सेवायें वेंटिलेटर पर है और शासन अपने ही वादे को पूरा नहीं कर रहा।


