सुकमा

एनएचएम कर्मियों की मांगों के समर्थन और सेवा समाप्ति के विरोध में उतरा छग सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ
13-Sep-2025 10:20 PM
एनएचएम कर्मियों की मांगों के समर्थन और सेवा समाप्ति के विरोध में उतरा छग सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ

समस्त विभागों में प्रदेश में एक दिन किया काम बंद, ज्ञापन के साथ बादाम सौंप किया प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सुकमा, 13 सितंबर। एनएचएम कर्मियों की मांगों के समर्थन और सेवा समाप्ति के विरोध में छग सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ उतरा। समस्त विभागों में प्रदेश में एक दिन काम बंद किया गया और ज्ञापन के साथ बादाम सौंप कर प्रदर्शन किया।

ज्ञात हो कि  राज्य में 18 अगस्त से 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। हड़ताल के दौरान 25 एनएचएम संगठन के पदाधिकारी की सेवा समाप्त भी कर दी गई है। यह आंदोलन जिलों में विभिन्न गतिविधियों प्रदर्शनों के माध्यम से चल रहा है एनएचएम कर्मचारियों द्वारा नियमितिकरण,जॉब सुरक्षा, संविलियन ,ग्रेड पे ,अनुकंपा नियुक्ति सहित 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है ।

अब इस आंदोलन में राज्य के संविदा कर्मचारियों के एकमात्र फेडरेशन छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने भी समर्थन दिया है जिसमें सभी विभाग के संविदा कर्मचारी एक दिन 12 सितंबर को काम बंद कर एनएचएम कर्मचारियों के धरना स्थल पर पहुँच कर उन्हें समर्थन दिया गया, साथ ही छत्तीसगढ़ के समस्त  मंत्रीगण व 90 विधायकों के नाम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

 इस आशय की जानकारी संविदा फेडेरेशन के सचिव श्रीकांत लास्कर और उपाध्यक्ष संजय सोनी ने दी।

महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि 25 दिन से आंदोलन कर रहे एनएचएम कर्मचारियों की उपेक्षा से पूरे संविदा कर्मचारी आक्रोशित हैं ,शासन प्रशासन मांगों को पूरा करने के स्थान पर सेवा समाप्ति जैसे निर्णय ले रहा है जो कि उचित नहीं है। संविदा महासंघ ने इस मामले में मुख्यमंत्री से भी हस्तक्षेप की अपील की है महासंघ ने यह भी कहा है कि सरकार का अडिय़ल रुख जारी रहने से पूरे प्रदेश के संविदा कर्मचारी भी आंदोलन को बाध्य होंगे।

गौरतलब है कि 54 विभागों के संविदा कर्मचारियों द्वारा पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 5 साल संघर्ष किया गया था । वर्ष 2023 में 31 दिवसीय आन्दोलन भी किया गया जिस पर भूपेश सरकार ने 27 फीसदी वेतन वृद्धि की घोषणा सभी संविदा कर्मियों के लिए की थी जो एन एच एम सहित कई विभागों को आज तक प्राप्त ही नहीं हुई ।

उस आंदोलन के दौरान डॉ. रमन सिंह, ओपी चौधरी, विजय शर्मा, अरुण साव जैसे भारतीय जनता पार्टी के नेता गण संविदा कर्मचारियों को समर्थन देने पहुँचे थे। बाद में भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के नाम से 100 दिन में कमेटी का गठन का संविदा कर्मचारियों की समस्याओ के हल का वादा किया। लोकसभा चुनाव से पूर्व वरिष्ठ आई ए एस निहारिका बारीक सिंग की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी हुआ पर आज तक कमेटी की किसी कार्यवाही का कोई अता पता नहीं है। इसी क्रम में 33  जिलों में एक साथ शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षित किया गया । जिला संयोजकों ने कहा  मोदी की गारंटी-अब भी अधूरी कब होगी पूरी ।

इस अवसर पर नवीन पाठक ,ख़ेमन विश्वकर्मा, मनीषा शर्मा ,चंद्र प्रताप बिसेन ,चमन लाल साहू, पोजा राम कवासी ,किशोर देशमुख ,ह्यड्डद्धद्बह्ल बड़ी संख्या में सर्व संविदा कर्मचारी महा संघ सुकमा कर्मचारी उपस्थित रहे


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