सुकमा

चचेरी बहनें गीता-अंजली अपने-अपने जिला पंचायत क्षेत्र में जीतीं
22-Feb-2025 10:47 PM
चचेरी बहनें गीता-अंजली अपने-अपने जिला पंचायत क्षेत्र में जीतीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सुकमा, 22 फरवरी। सुकमा जिले में पहली बार दो चचेरी बहनों गीता कवासी और अंजली मरकाम ने अलग-अलग जिला पंचायत क्षेत्र में चुनाव लडक़र जीत हासिल की। दोनों ही बहनों ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लडक़र जीत हासिल की।

गीता कवासी और अंजली मरकाम दोनो ही चचेरी बहनों का जन्म गादीरास ग्राम पंचायत के आश्रित गांव ओइरास में हुआ, जहां ये दोनों बहनें आपस में खेली कूदी। जिसके बाद गीता का विवाह नागारास के हुर्रा कवासी से हुआ तो वहीं अंजली का विवाह गोरली के हितेंद्र मरकाम से हुआ।

एक ओर गीता जहां बीते 10 वर्षों से जनपद सदस्य रहीं तो वहीं अंजली 10 वर्ष पूर्व जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ीं, जिसमें उनकी हार हुई थी। इस बार दोनों ही बहनों के भाग्य खुले और दोनों ही जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए।

सीपीआई के गढ़ में लगाई सेंध

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 06 गादीरास में बीते तीन दशक से सीपीआई का कब्जा रहा, जिसे भेदने में गीता कवासी सफल हुईं। गीता ने शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि विधायक कवासी लखमा एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने मुझ पर भरोसा जताया और मुझ जैसी छोटी सी कार्यकर्ता को टिकट दिया। उनके विश्वास पर खरा उतरने में क्षेत्र के बड़े नेताओं सहित क्षेत्रवासियों का उनको भरपूर सहयोग मिला, जिसके कारण सीपीआई के गढ़ में मुझे जीत मिली।

10 वर्ष पूर्व मिली हार

 का लिया बदला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 01 कुंदनपाल से विजयी हुई अंजली मरकाम ने कहा कि 2015 में उन्होंने इस जिला पंचायत क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जहां उनकी 600 मतों से हार हुई थी, जिसके बाद 2020 में कांग्रेस ने सीपीआई के इस गढ़ को भेदने का काम किया था। इस बार फिर से महिला सीट होने से विधायक कवासी लखमा, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और कांग्रेस पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया। मेरे व मेरे साथियों ने मुझ पर जताए गए विश्वास पर खरा उतरने के लिए जनता के बीच पहुंचकर हमारे पांच साल के विकास कार्यों को बताया जिसका परिणाम रहा कि मुझे 800 से अधिक मतों से जीत मिली।


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