राजपथ - जनपथ
तस्वीरें असली हैं या नकली?
अड़ोस-पड़ोस के कुछ जिलों के कलेक्टर-एसपी और कुछ अन्य आला अफसरों की पार्टी मनाते तस्वीरें वायरल हुई हंै। तस्वीरों में ऐसा-वैसा कुछ नहीं है। मगर पार्टी में मौजूद एक महिला अफसर ने सेल्फी ली और मोबाइल का एंगल कुछ इस तरह बन गया कि टेबल में मौजूद वाइन, और बीयर की बोतलें और चखना-चिकन भी आ गया। इसमें भी कोई बुरी बात नहीं है। गणतंत्र दिवस में प्रशासनिक-कानून व्यवस्था का टेंशन काफी रहता है। ऐसे में थकाऊ भरे कार्यक्रम के सफलतापूर्वक निपटने पर पार्टी तो बनती है। मगर आलोचकों का ध्यान खाद्य सामग्री पर ज्यादा है और वे इस पर टीका-टिप्पणी कर रहे हैं। दिक्कत यह भी हो गई है कि सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि फोटो गणतंत्र दिवस की शाम की हैं और पोस्ट करने के कुछ देर बाद उन्हें हटा भी दिया गया था। अब गणतंत्र दिवस को दारूबंदी रहती है, इसलिए फोटो अधिक सनसनीखेज लग रही हैं। यह ठिकाना नहीं है कि ये तस्वीरें सचमुच इनमें से एक अफसर के फेसबुक पर पोस्ट की गई थीं, या फिर किसी फोटोशॉप जैसे सॉफ्टवेयर से कहीं की फोटो किसी दिन की पोस्ट पर जोड़कर उसे गणतंत्र दिवस पर पीने की फोटो बता दिया गया। सब कुछ मुमकिन है। और लोगों का काम तो है ही कुछ न कुछ कहना....।
कुर्सी गायब ही हो गई...
प्रोफेसर रोहणी प्रसाद को सरगुजा विवि के कुलपति पद से तो हटा दिया गया था, लेकिन रविवि में उनकी ज्वाइनिंग नहीं ली जा रही है। प्रसाद पर यौन उत्पीड़ऩ सहित कई अन्य आरोप हैं। इन आरोपों के चलते उन्हें पद से हटाया गया। हालांकि प्रसाद ने जांच रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उनसे जुड़े लोग मानते हैं कि आरएसएस के करीबी होने की वजह से उन्हें निशाना बनाया गया। वैसे ऐसा कहना उन महिलाओं का अपमान है जिन्होंने यौन प्रताडऩा की शिकायत की थी। खैर, प्रसाद पद से हटे हैं, तो उनकी मूल पदस्थापना स्थल पर ज्वाइनिंग होनी थी। मगर रविवि प्रशासन ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि प्रसाद के पास कोई रिलीविंग ऑर्डर नहीं है।
चूंकि सरगुजा विवि में प्रसाद को हटाकर सरगुजा कमिश्नर को कुलपति का चार्ज दिया गया। कमिश्नर ने एकतरफा चार्ज भी ले लिया। ऐसे में उन्हें रिलीव कौन करता? प्रसाद ने राजभवन को पत्र भेजकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया। सुनते हैं कि राजभवन ने रविवि प्रशासन को प्रसाद को पद से हटाए जाने की सूचना भी भेजी है। इन सबके बाद भी प्रसादजी की जाइनिंग नहीं हो पा रही है। प्रसादजी का हाल यह है कि वे कुलपति और कुल सचिव से मिल रहे हैं। मगर उन्हें ज्वाइन क्यों करने नहीं दिया जा रहा है, यह कोई बता नहीं रहा है।