विशेष रिपोर्ट

बिना ओडी के 5 हजार करोड़ के कैश बैलेंस के साथ वित्त वर्ष की शुरूआत
03-Apr-2024 6:54 PM
बिना ओडी के 5 हजार करोड़ के कैश बैलेंस के साथ वित्त वर्ष की शुरूआत

  पहले दिन ही 1600 करोड़ राजस्व भी   

विशेष रिपोर्ट : पी. श्रीनिवास राव
रायपुर, 3 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।
राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए अपना सालाना खाता अच्छे खासे कैश बेलेंस के साथ बंद किया है। इतना ही नहीं नए साल की शुरुआत भी एक मोटी इंकम के साथ की है। और एक रूपए का भी ओवर ड्राफ्ट नहीं है।

वर्ष 23-24 के लिए छत्तीसगढ़ का खाता बंद करते हुए आरबीआई ने क्लोजिंग रिपोर्ट भेजी है। 

एक कॉपी महालेखाकार को भी भेजा है। बीता वित्तीय वर्ष दो सरकारों के द्वारा संचालित हुआ है। पहले 8 माह कांग्रेस और अतिंम 4 माह भाजपा सरकार के रहे हैं। इस दौरान दोनों ही सरकारों ने मुफ्त की कई योजनाएं संचालित कीं। इसमें हजारों करोड़ का भुगतान हुआ। जो एक्सचेकर पर व्यय भार ही रहा।

आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष का कैश बैलेंस कुल 5935 करोड़ रूपए रहा। यानी  24 की पहली तारीख को करीब 6 हजार करोड़ से हुई। इसके साथ ही पहले दिन सरकार की राजस्व आय 1600 करोड़ की भी रही। वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि ऐसा क्लोजिंग और ओपनिंग इससे पहले बहुत कम देखा गया है। इसके पीछे मुख्य कारण पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनावों की आचार संहिता को बताया गया है। इस दौरान बहुत से नए खर्च रूके रहे। 

हांलाकि वर्ष के अंतिम सप्ताह में लंबित और चालू  बिलों का भी बड़ा भुगतान हुआ। संचालक कोष लेखा महादेव कांवरे के मुताबिक फिजूल खर्च रोकने 22 मार्च से ही सभी डीडीओ से चैक बुक जमा करा लिया गया था। इसके बाद बिलों का भुगतान वित्त विभाग की एनओसी से किया गया। इस तरह से 31 मार्च तक कुल 27 हजार बिलों पर 52 सौ करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। उपरोक्त कैश बैलेंस भुगतान के बाद ही निकलकर सामने आया है। इस वित्त वर्ष में दोनों ही सरकारों ने मार्केट बारोइंग के नाम से आरबीआई से कुल 18 हजार करोड़ रूपए का लोन लिया। जो एफआरबीएम एक्ट के लिमिट के अंदर ही रहा। इस वर्ष राज्य के सबसे बड़े निर्माण विभाग पीडब्लूडी ने अपने लिए स्वीकृत लगभग 7 हजार करोड़ के बजट का 70 फीसदी से अधिक ही खर्च किया। शेष राशि खजाने में सरेंडर कर दिया गया।


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