राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : व्याव. शिक्षकों की भर्ती, चैट पोल खोल रहे
09-Sep-2025 6:44 PM
राजपथ-जनपथ : व्याव. शिक्षकों की भर्ती, चैट पोल खोल रहे

व्याव. शिक्षकों की भर्ती, चैट पोल खोल रहे

स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने काम संभालते ही व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग का प्रभार सीएम के पास था। सीएम ने ही व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत की जांच कराई थी, और प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। प्रकरण ईओडब्ल्यू-एसीबी को सौंपा जा रहा है।

व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति 11 महीने के लिए होती रही है। पिछले साल भर्ती नहीं हो पाई थी। बावजूद इसके परीक्षा हो गई, और विद्यार्थियों को उत्तीर्ण कर दिया गया। इस बार आधा दर्जन कंपनियों को शिक्षकों की भर्ती का जिम्मा दिया गया था। कंपनियों ने एक हफ्ते में ही सारी प्रक्रिया पूरी कर विभाग को चयनित अभ्यार्थियों की सूची सौंप दी, और 15 सौ अभ्यार्थियों को नियुक्ति दे दी गई।

चर्चा है कि कंपनियों ने विभाग के अफसरों की मिलीभगत से गड़बड़ी की, और शिक्षकों की भर्ती के एवज में लेनदेन की भी चर्चा है। इसके वाट्सऐप चैट भी सामने आए हैं। विभाग के दो अफसरों की भूमिका संदेहास्पद बताई जा रही है। इनमें से एक डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अफसर हैं, जिनका साल भर पहले  तबादला हुआ था। मगर उन्हें रिलीव नहीं किया गया। एक अन्य अफसर को भूपेश सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह का करीबी माना जाता है। सीएम भर्ती मामले में गड़बड़ी को लेकर काफी खफा रहे हैं, और कहा जा रहा है कि दोषी अफसरों पर गाज गिर सकती है। देखना है कि आगे क्या होता है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में छत्तीसगढ़

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। इसमें छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा, और पांच राज्यसभा सांसदों ने भी मतदान किया। चुनाव में एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन को जीताने के लिए भाजपा हाईकमान ने पुख्ता रणनीति की, और केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, और अन्य चार केन्द्रीय मंत्रियों को पार्टी के सांसदों का शत प्रतिशत वोटिंग सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी दी थी। शिवराज सिंह चौहान के साथ रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल को लगाया गया। बृजमोहन के साथ-साथ प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता संतोष पाण्डेय का भी रोल अहम रहा है। संतोष पाण्डेय, भाजपा संसदीय दल के सचेतक हैं। वो भी सांसदों को जल्द से जल्द वोट डालने के लिए प्रेरित करते नजर आए। उनकी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वो सांसदों के साथ वोट डालने के लिए लाइन में खड़े हैं। बृजमोहन अग्रवाल तो आज सुबह 6 बजे ही शिवराज सिंह चौहान के निवास पहुंच गए थे, और फिर नाश्ते के बाद सांसदों को वोट डालने के लिए संसद भवन लेकर निकले। इन सबके बीच पूर्व सांसद प्रदीप गांधी की सक्रियता चर्चा में रही है। चुनाव में उनका सीधा कोई रोल नहीं है। क्योंकि सिर्फ लोकसभा, और राज्यसभा  सदस्यों को ही उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने का अधिकार है। मगर गांधी हाल ही में कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में सर्वाधिक वोट पाकर कार्यकारिणी के सदस्य निर्वाचित हुए हैं। ऐसे में उनकी भी उपयोगिता पार्टी ने समझी है। हल्ला है कि प्रदीप गांधी को एनडीए से परे इंडी गठबंधन के सांसदों को साधने की जिम्मेदारी दी गई है। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के नेता उपराष्ट्रपति चुनाव में अहम रोल निभाते नजर आए हैं। देखना है कि पार्टी आगे इन सबका क्या कुछ उपयोग करती है।

घटना जिससे मृत्युभोज पर रोक लग गई

बौद्ध समाज प्रगतिशील माना जाता है, लेकिन कई पुरानी प्रथाएं आज भी इसमें देखने को मिलती हैं। ऐसे में,  हाल ही में अंबागढ़ चौकी के हालमकोडो गांव में एक परिवार पर मृत्यु भोज का खर्च उठाने का संकट आया। परिवार ने निर्णय लिया कि मृत्यु भोज नहीं कराया जाएगा, बल्कि आने वाले लोगों को केवल स्वल्पाहार दिया जाएगा।

आमतौर पर छत्तीसगढ़ में ऐसे मामलों में परिवारों को सामाजिक उलाहने या बहिष्कार तक का सामना करना पड़ता है, लेकिन यहां स्थिति अलग रही। इस घटना के बाद डोंगरगांव इलाके के बौद्ध समाज ने बैठक बुलाई और सकारात्मक निर्णय लिया कि अब समाज में मृत्युभोज पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। परिजनों को यह स्वतंत्रता होगी कि वे चाहें तो स्वल्पाहार दें या बिल्कुल न दें।

वैसे छत्तीसगढ़ में कई जातीय और सामाजिक संगठनों ने मृत्यु भोज को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग नियम बनाए हैं। कहीं संख्या सीमित कर दी गई है, तो कहीं केवल सादा भोजन की परंपरा रखी गई है, किसी भी तरह का पकवान प्रतिबंधित है। यह अलग बात है कि कुछ शिक्षित और संभ्रांत परिवारों में अब भी मृत्यु भोज को बड़े भव्य आयोजन की तरह मनाया जाता है, ताकि मेहमान उनके रुतबे से परिचित हो सकें।

तस्वीर जो मुस्कान ला दे...

धूप पानी बरसात में व्यस्त सडक़ की भागदौड़ को नियंत्रित व सुरक्षित करने में यातायात सिपाही की खास भूमिका होती है। तब कई मौके ऐसे भी आते हैं जब वह राह चलते लोगों की मदद कर दे। कोई-कोई इस जिम्मेदारी को निभाता है तब ऐसी घटनाएं ध्यान खींच लेती है। इस तस्वीर में ट्रैफिक जवान एक वृद्ध महिला को सुरक्षित सडक़ पार करा रहा है। एक छोर से दूसरे छोर तक की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। घटना पेंड्रा रोड की है।


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