राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : सब दिग्गज प्रदेशबदर
26-Aug-2025 8:44 PM
राजपथ-जनपथ : सब दिग्गज प्रदेशबदर

सब दिग्गज प्रदेशबदर

चर्चित कोयला घोटाले के सभी प्रमुख आरोपियों की रिहाई हो गई है। प्रमुख आरोपी सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, निलंबित आईएएस रानू साहू, और समीर विश्नोई करीब ढाई साल से अधिक समय जेल में रहे, और फिर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली। सभी आरोपियों को जमानत अवधि में प्रदेश से बाहर रहने की शर्त है, और ये सभी प्रदेश छोड़ चुके हैं।

सबसे आखिरी में कुछ दिन पहले सूर्यकांत तिवारी की रिहाई हुई। उन्होंने भी प्रदेश छोड़ दिया है। वो दिल्ली में शिफ्ट हो चुके हैं। तिवारी ने दो दिन पहले ही जिला अदालत को इसकी सूचना दे दी है। इससे परे सौम्या बेंगलुरू, समीर विश्नोई जबलपुर, रानू साहू भोपाल में निवासरत हैं। इन सभी को पेशी में रायपुर की विशेष अदालत में महीने में एक बार हाजिर होना पड़ता है।

बताते हैं कि ईडी, और ईओडब्ल्यू-एसीबी ने आरोपियों के रिहा होने के बाद भी जांच में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। विशेषकर दोनों प्रमुख आरोपी रानू साहू, और सौम्या के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। चूंकि दोनों सरकारी अफसर हैं, इसलिए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जानकारी सामने आई है। इसको लेकर कई पुख्ता दस्तावेज भी मिल चुके हैं। अब अदालत में ये आरोप कितना टिक पाता है, यह देखना है।

डिस्टिलरी मालिकों से रियायत!

शराब घोटाला केस की भी जांच चल रही है। घोटाले के प्रमुख आरोपी अनवर ढेबर, और अन्य सभी लोग जेल में हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। इसी बीच एक खबर आई है कि घोटाले के एक प्रमुख आरोपी सिद्धार्थ सिंघानिया को झारखंड की विशेष अदालत से रिहा कर दिया गया है।

सिद्धार्थ शराब दुकानों को मैनपॉवर उपलब्ध कराने वाली कंपनी के संचालक हैं। सिद्धार्थ के खिलाफ छत्तीसगढ़ और झारखंड में केस दर्ज है। सिद्धार्थ झारखंड जेल में थे। उनके खिलाफ जांच एजेंसी चालान पेश नहीं कर पाई है। उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है। चर्चा है कि सिद्धार्थ को ईओडब्ल्यू-एसीबी पूछताछ के लिए बुला सकती है।

दूसरी तरफ, शराब घोटाला प्रकरण में प्रमुख आरोपियों की शिकायत यह है कि जांच एजेंसी पक्षपात कर रही है। वजह यह है कि जिन डिस्टलरी में गड़बड़ी कर घोटाले का प्रकरण दर्ज किया गया है, वहां के मालिकों को आरोपी नहीं बनाया गया है। प्रमुख आरोपी अनवर ढेबर की तरफ से एक याचिका लगाई जा चुकी है कि डिस्टलरी के मालिकों को भी आरोपी बनाया जाए। डिस्टलरी मालिकों को नोटिस भी जारी हुई है। मगर ये सभी अदालत में हाजिर नहीं हुए हैं। कुल मिलाकर डिस्टलरी मालिक बचे हुए हैं।  उन पर भी खिलाफ कार्रवाई के लिए आरोपियों की तरफ से दबाव बनाया गया है।

शराब घोटाला केस में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के साथ ही पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य भी जेल में है, और उनके करीबी विजय भाटिया व अन्य की भी जमानत अलग-अलग अदालतों में खारिज हो चुकी है। इन प्रमुख लोगों के जेल में जाने के बाद मामला और बढ़ सकता है। कुल मिलाकर शराब प्रकरण को लेकर आने वाले दिनों में राजनीतिक उठापटक तेज हो सकती है।


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