राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : भूपेश सरकार ने खुदकुशी की थी?
27-Jul-2025 6:02 PM
राजपथ-जनपथ : भूपेश सरकार ने खुदकुशी की थी?

भूपेश सरकार ने खुदकुशी की थी?

पूर्व सीएम भूपेश बघेल का जोगी परिवार से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। और अंतागढ़ प्रकरण के बाद भूपेश की वजह से ही पूर्व सीएम अजीत जोगी, और उनके बेटे अमित को कांग्रेस से बाहर निकलना पड़ा। और अब जब अमित तो किसी तरह कांग्रेस में वापसी की कोशिश कर रहे हैं, तो पूर्व सीएम भूपेश बघेल रोड़ा बनते दिख रहे हैं। अमित ने तो चैतन्य की गिरफ्तारी के खिलाफ बयान जारी कर भूपेश के साथ एक तरह से पुराने विवाद को खत्म करने के लिए पहल की, लेकिन भूपेश का रुख सकारात्मक नहीं दिख रहा है। भूपेश बघेल की हाल की एक टिप्पणी पर तो अमित जोगी खासे नाराज हैं।

हुआ यूं कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने हरेली के मौके पर अपने निवास में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर कहा था कि जिसने भी उनके परिवार को गिरफ्तार किया है, उसकी सरकार गिर गई। भूपेश ने जोगी सरकार का उदाहरण दिया, और कहा कि उनके पिता को तत्कालीन सीएम अजीत जोगी ने गिरफ्तार कराया था। जोगी सरकार चली गई। उन्होंने रमन सरकार का भी उदाहरण दिया। उस समय भी परिवार के लोगों को गिरफ्तार किया गया था, इसके बाद रमन सिंह की सरकार चली गई। पूर्व सीएम ने आगे कहा कि चैतन्य को गिरफ्तार करने वाली साय सरकार का भी यही हाल होगा।

भूपेश बघेल के बयान पर अमित जोगी बिफर पड़े हैं। उन्होंने पूर्व सीएम को नसीहत दी कि स्व. अजीत जोगी, और स्व. नंदकुमार बघेल, दोनों हमारे बीच में नहीं हैं। उनके नाम को राजनीतिक हथियार बनाना अनुचित है। उन्होंने याद दिलाया कि नंदकुमार बघेल जी, खुद भूपेश बघेल के सीएम रहते गिरफ्तार हुए थे। अमित ने पूछा कि पूर्व सीएम ने इस पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया।

उल्लेखनीय है कि नंदकुमार बघेल को ब्राम्हण समाज के खिलाफ विवादित बयान देने के आरोप में सितंबर-2021 को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तीन दिन जेल में रहने के बाद तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल के पिता जमानत पर रिहा हुए थे। यह भी संयोग है कि खुद भूपेश सरकार की भी वापसी नहीं हो पाई।

आ बैल मुझे मार

पूर्व राज्यपाल रमेश बैस को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने की मांग करना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भारी पड़ गया। बैज ने इस सिलसिले में पीएम को बकायदा चि_ी भी लिखी थी। प्रदेश के कई नेताओं ने बैज की शिकायत पार्टी हाईकमान से की थी, और फिर प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने फोन पर बैज को फटकार लगाई। इसके बाद बैज को सफाई देनी पड़ी है।

बैज ने जिस अंदाज में अपनी मांग को लेकर सफाई दी है, उससे भाजपा के कुछ नेताओं का पारा चढ़ गया है। बैज ने कहा कि पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, ननकीराम कंवर, और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर को भाजपा ने मार्गदर्शक मंडल में ढकेल दिया गया है। इसलिए उन्हें दिल्ली भेजना उचित रहेगा। चंद्राकर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता हैं, और सीनियर विधायक हैं। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने बस्तर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनकी पीठ थपथपाई थी। अब जब बैज ने चंद्राकर को दिल्ली भेजने की वकालत कर दी है, तो विवाद बढऩा स्वाभाविक है। यह कहना गलत नहीं होगा कि बैज ने उड़ता तीर अपने पर ले लिया है।

इसे कहते हैं ग्राउंड रिपोर्टिंग

कुछ दिन पहले दिल्ली के एक न्यूज चैनल रिपोर्टर ने गले तक पानी में डूबकर न्यूज कवर किया था और बताया था कि बारिश के बाद सडक़ों का क्या हाल हो गया है। मगर, छत्तीसगढ़ में भी कम साहसी पत्रकार नहीं है। यह दृश्य धमतरी मुख्य मार्ग का है जिसके गड्ढे की गहराई और कीचड़ की परवाह नहीं करते हुए एक रिपोर्टर पालथी मारे बैठे हैं, अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है। इंस्टाग्राम पर उनका वीडियो वायरल है। वैसे हाल ही में नगरीय प्रशासन मंत्री ने सडक़ों के गड्ढों को लेकर अफसरों को फटकार लगाई है। उन्हें चेतावनी दी है कि दो माह के बाद सडक़ में में कोई गड्ढा दिखा तो उनकी खैर नहीं। मगर, तब तक तो मॉनसून जा चुका होगा। यानि, इस बारिश में गड्ढे भरने से तो रहे। अफसरों के लिए यही चैन की बात है। वैसे भी बारिश में सडक़ का काम तो हो नहीं पाता। मटेरियल मिलता नहीं, मिलता है तो डालते ही बह जाता है। इसलिए बिना यह सवाल किए, कि बारिश से पहले इन सडक़ों की देखभाल क्यों नहीं की गई, मरम्मत क्यों नहीं हो पाई, पिछले साल का बजट कहां चला गया- अक्टूबर महीने का इंतजार करना चाहिए। शायद तब वह सडक़ सन् 2026 की बारिश तक टिकी रहे।


अन्य पोस्ट