राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बिजली की रफ्तार से छेना?
19-Jul-2025 8:27 PM
राजपथ-जनपथ :  बिजली की रफ्तार से छेना?

बिजली की रफ्तार से छेना?
मोबाइल ऐप के माध्यम से घर तक सामान पहुंचाने वाली कंपनियां अब गोबर से बने हुए छेने भी दस मिनट में पहुंचाने के इश्तहार कर रही हैं। छेना मंगवाने की ऐसी कौन सी हड़बड़ी किसी की जिंदगी में हो सकती है कि वे मोटरसाइकिल पर डिलिवरी करने वाले से सीलबंद पैकेट में छेने जैसा सामान मंगवाएं? 

दिल्ली भूपेश के साथ 
विधानसभा के आखिरी दिन शुक्रवार को जैसे ही पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की शराब घोटाला प्रकरण में गिरफ्तारी की खबर आई, तो इसकी प्रतिक्रिया रायपुर, दुर्ग, भिलाई से दिल्ली तक हुई। ईडी तो सुबह से ही पूर्व सीएम के भिलाई-3 निवास पर चैतन्य से पूछताछ कर रही थी। करीब साढ़े 10 बजे पूर्व सीएम विधानसभा के लिए निकल गए।

सदन की कार्यवाही चल रही थी, तभी उनके पास सूचना आई कि चैतन्य को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जा रहा है। चैतन्य से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी थी। ऐसे में गिरफ्तारी का अंदेशा कम था। मगर जैसे ही उन्हें कोर्ट में पेश होने की सूचना आई, पूर्व सीएम ने नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत को इसकी जानकारी दी।

फिर सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर कोर्ट जाने का फैसला लिया गया। इसके बाद दिल्ली तक के नेताओं के फोन घनघनाने लगे।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी ने सीधे भूपेश बघेल से बात की। पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी महासचिव के.सी.वेणुगोपाल ने भी भूपेश, और अन्य प्रमुख नेताओं से फोन पर चर्चा की। शीर्ष नेताओं ने कहा है कि पूरी पार्टी पूर्व सीएम के साथ खड़ी है।

इधर, चैतन्य बघेल कोर्ट पहुंचे तो कांग्रेस के तमाम विधायक वहां पहुंच चुके थे। बताते हैं कि चैतन्य ने अपने पिता पूर्व सीएम को कह दिया कि जमानत के लिए फिलहाल प्रयास न करें, वो ठीक हैं उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। चैतन्य के हौसले की भूपेश समर्थक तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। फिलहाल हाईकमान के दखल के बाद पूरी कांग्रेस भूपेश परिवार के समर्थन में खड़ी दिख रही है। धरना-प्रदर्शन का दौर चल रहा है। विधिक जानकार बताते हैं कि चैतन्य के खिलाफ आरोप काफी गंभीर है। ऐसे में लड़ाई लंबी खिंचने के आसार दिख रहे हैं। देखना है आगे क्या होता है।

अध्यक्ष की सिफ़ारिशों का यह हाल!
प्रदेश भाजपाध्यक्ष किरण देव सरल और मिलनसार नेता माने जाते हैं। पार्टी के भीतर और बाहर उनकी साख अच्छी है। मगर वो खुद अनुशंसाओं को नजरअंदाज करने पर शासन-प्रशासन की भूमिका से नाखुश हैं। उनके कई काम नहीं हो रहे हैं।

उन्होंने पिछले दिनों विधानसभा में सीएसआर से जुड़ा मामला उठाया। किरण देव ने सदन में जानकारी दी कि पिछले करीब दो साल में उन्होंने सीएसआर मद से 17 काम के लिए प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन एक भी काम स्वीकृत नहीं हुए। किरण देव के समर्थन में कुछ कांग्रेस सदस्यों ने भी बात रखी, और कहा कि सीएसआर मद से कोई काम नहीं हो रहा है।

यह भी चर्चा हुई कि किरणदेवजी पार्टी के मुखिया हैं। कम से कम उनकी सिफारिश पर तो काम होना चाहिए। इस पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि किरणदेव की सिफारिश पर जगदलपुर में एक काम हुआ है। बाकी काम भी बजट उपलब्ध होते ही स्वीकृत किया जाएगा। बात सदन तक ही नहीं सीमित रही। पार्टी संगठन के प्रमुख नेताओं ने मुखिया की सिफारिश को नजरअंदाज करने को गंभीरता से लिया है। देखना है आगे क्या होता है। 

 (rajpathjanpath@gmail.com)


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