राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 दिसंबर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने अपनी मांगों को लेकर 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है। हड़ताल के कारण सभी कार्यालय और स्कूलों में तालाबंदी होगी। साथ ही शासकीय कार्य प्रभावित होंगे। फेडरेशन का कहना है कि सरकार ‘मोदी की गारंटी’ लागू करें। फेडरेशन का कहना है कि आंदोलन में हजारों की संख्या में शासकीय सेवकगण शामिल होंगे।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, प्रांतीय सचिव राजेश चटर्जी, प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा, जिला संयोजक सतीश ब्यौहरे, जिला महासचिव पीआर झाड़े, जिला संरक्षक डॉ. केएल टांडेकर के अलावा अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण में 16 जुलाई 25 को राज्य के सभी ब्लॉक तथा जिला मुख्यालय में वादा निभाओ रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया।
छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा करने में रूचि नहीं दिखाया। जिसके कारण 22 अगस्त 2025 को प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी सामूहिक अवकाश में रहकर राज्यव्यापी कलम बंद काम बंद हड़ताल में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा नहीं किया। जिसके कारण फेडरेशन को 29 से 31 दिसंबर तक निश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने बाध्य होना पड़ा।
फेडरेशन का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी का घोषणा हुआ था। सरकार बनने पर प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान डीए/डीआर दिया जाएगा, लंबित डीए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाएगा, अनियमित/संविदा/दैनिक वेतनभोगी/अतिथि शिक्षक इत्यादि संवर्ग का नियमितीकरण किया जाएगा, प्रदेश के सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति दूर किया जाएगा, प्रदेश के लिपिकों, सहायक शिक्षकों एवं अन्य संवर्ग के लिए वेतन विसंगति दूर करने गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, पंचायत सचिवों का शासकीयकरण, मितानिनों, रसोईया एवं सफाई कर्मचारियों के मानदेय में 50 प्रतिशत वृद्धि किया जाएगा सहित अन्य मुद्दों का वादा किया, लेकिन सरकार बनने के बाद क्रियान्वयन पर मौन धारण करना कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बना हुआ है।


