राजनांदगांव

आपरेशन ‘प्रयास’ के जरिये मोहला-मानपुर पुलिस का घर वापसी पर जोर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 मई। मोहला-मानपुर पुलिस आपरेशन ‘प्रयास’ के जरिये जिले के हार्डकोर नक्सलियों की घर वापसी पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में एसपी वायपी सिंह नक्सल कमांडर लोकेश के परिजनों से मुलाकात की।
मोहला-मानपुर जिले की पुलिस जिले को माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एसपी वायपी सिंह नक्सल कमांडर लोकेश सलामे के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने नक्सल कमांडर के परिजनों से आग्रह किया कि लोकेश सलामे हिंसा का रास्ता छोडक़र आत्मसमर्पण कर शांतिपूर्वक जीवनयापन और राज्य शासन के पुनर्वास नीति का लाभ उठाने जिला पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण कर दे और आसपास के ग्रामीणों से भी अपील की गई कि कोई भी नक्सली कभी भी नजदीकी पुलिस स्टेशन आकर आत्मसमर्पित कर सकता है और पुनर्वास के सुविधाओं का लाभ ले सकता है।
पूर्व में तीन नक्सलियों ने किया था समर्पण
दो माह के अवधि में माड़ क्षेत्र के प्रेस टीम कमांडर पवन तुलावी एवं उसकी पत्नी ने ऑपरेशन प्रयास के तहत पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया। जिला पुलिस द्वारा पवन तुलावी के परिवारजनों से संपर्क स्थापित कर आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिसका परिणाम है कि पवन ने माड़ से मोहला आकर आत्मसमर्पण किया। पवन तुलावी थाना मदनवाड़ा के दौरदे गांव का निवासी है और वर्ष 2014 से नक्सली संगठन में सक्रिय रहा है। माह अप्रैल 2025 में जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के थाना मदनवाडा ग्राम मुंजाल के निवासी नक्सली कमांडर रूपेश मंडावी ने आत्मसमर्पण किया है। रूपेश मंडावी नक्सली कमांडर लोकेश सलामे के साथ काम कर रहा था। जिला पुलिस द्वारा ऑपरेशन प्रयास के तहत लगातार रूपेश के परिवारजनों से संपर्क स्थापित कर शासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने प्रोत्साहित किया । आज रूपेश मंडावी हथियार छोडक़र आत्मसम्मान की जिंदगी जी रहा है।
ऑपरेशन प्रयास से विकास की ओर
जिला पुलिस द्वारा लगातार नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए पुलिस सुविधा केंद्र के रूप में केंद्रीय बलों के बेस कैंप को घने व सुदूर जंगलों में तैनात किया जा है।
पुलिस कैंपों के माध्यम से आसपास के आम ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुविधा एवं अन्य शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर लाभान्वित कराया जा रहा है। आवश्यकता अनुरूप गांवों में मेडिकल कैंप व दैनिक उपयोग के सामान का वितरण किया जा रहा है तथा कृषि उपकरण, वाटर फिल्टर, साइकिल, रेडियो आदि जैसे उपकरण ग्रामीणों को वितरित किया गया है। ग्राम आमाकोडो और पीटेमेटा के घने जंगलों में पिछले वर्ष कैंप स्थापित किया गया। जिसके माध्यम से ग्राम पीटेमेटा को सीसी रोड के माध्यम से मुख्य मार्ग में जोड़ा जाना है।
इसी प्रकार बुकमरका जैसे सुदूरवर्ती ग्राम को कैंप संबलपुर के माध्यम से ब्लैक टॉप रोड से जोड़ा गया है। महाराष्ट्र सीमा में स्थापित नवागांव कैंप के माध्यम से कुछ ही दिनों में घोड़ाझरी गांव को भी ब्लैक टॉप रोड से कनेक्ट किया जाएगा। कैंप नवागांव, आमाकोडो, संबलपुर के आसपास में मोबाइल टावर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। कैंप के माध्यम से 5-जी टावरों की स्थापना की गई है।
ऑपरेशन प्रयास का प्रहार नक्सल सहयोगियों पर
जिले में नक्सल उन्मूलन का कार्य नक्सल सहयोगियों के खात्मा से संभव है। नक्सल सहयोगी वे हैं, जो माओवादियों के लिए राशन, पानी व दैनिक जरूरत की सामाग्री उपलब्ध कराते है। विगत एक वर्ष में 15 से ज्यादा नक्सली सहयोगियों के ऊपर यूएपीए के विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की गई।
जिसके कारण नक्सली किसी जंगलों कैंप लगाने व मीटिंग लेने एवं आम ग्रामीणों से लेवही वसूलने में असमर्थ हुए है। इस प्रकार जिला पुलिस ऑपरेशन प्रयास के माध्यम से नक्सलियों के सभी आधार अंगों पर चोंट पहुंचाकर नक्सल गतिविधि पर पूर्ण अंकुश लगाने प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। नक्सली सहयोगी पर कार्रवाई, आत्मसमर्पण हेतु परिवारजनों के माध्यम से प्रयास एवं नक्सल प्रभावित ग्रामों के विकास आदि पर जोर देकर ऑपरेशन प्रयास को सफल बनाने का प्रयास जारी है।