राजनांदगांव

लोकल ट्रेनों में भी वैवाहिक सीजन से बढ़ी भीड़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 अप्रैल। शादी सीजन शुरू होते ही यात्रियों की बसों में ठसाठस भीड़ दिखने लगी है। वहीं लोकल ट्रेनों में वैवाहिक सीजन से भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में शादी सीजन के शुरू होते ही यात्री बसों में रेलमपेल की स्थिति निर्मित हो रही है और यात्रियों के लिए बस का सफर बेहद ही तकलीफदायक हो गया है।
वैवाहिक कार्यक्रम की भरमार होने के चलते ग्रामीण अव्यवस्था के बीच बसों में सफर करने के लिए विवश है। अपने गतंव्य तक पहुंचने के लिए यात्री भीषण गर्मी की मार झेलते बसों में यात्रा कर रहे हैं। इससे परे बस संचालक महज कमाई के इरादे से यात्रियों को ठसाठस भर रहे हैं। सफर करने सपरिवार निकले लोग बदइतंजामी से सबसे ज्यादा पीडि़त हैं।
बताया जाता है कि बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों को ढ़ोया जा रहा है। ऐसी दशा में लोगो को नौनिहालों एवं बुजुर्गों को लेकर यात्रा करने में दिक्कतें आ रही है। लंबी दूरी के यात्रियों को बस में जगह नहीं मिलने से खड़े होकर ही सफर करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। मांगलिक कार्यों के लिए घर से निकले लोग बसों में धक्का-मुक्की के शिकार होने से शारीरिक रूप से परेशान भी हो रहे हैं। इधर सालों से अनफिट हो चुकी बसों ने लोगों की परेशानी को दोगुना कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि कंडम होने के बाद भी संचालक बसों में यात्रियों को ले जा रहे हैं। गौरतलब है कि बसों में प्रतिस्पर्धा होने के दौरान कंडम बसें दुर्घटनाग्रस्त होती है। पुलिस भी मानती है कि परिवहन विभाग की तथाकथित चुप्पी से यात्रियों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। पुलिस के नियत्रंण से बाहर होने के बाद बस सडक़ों में बेधडक़ दौड़ रहे हैं। जर्जर हो चुकी बसों की स्थिति को देखने परिवहन विभाग की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि ज्यादातर बस अनफिट हो चुके हैं। बस संचालक निजी हितों को साधने के लिए जबरिया सडक़ों में खराब बसों को दौड़ा रहे हैं।
उधर शादी सहित अन्य सीजन में ऐसी बसों के जरिये ही यात्रियों को उनके निर्धारित स्थान तक पहुंचाया जाता है। जबकि बसों में सुविधा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। सरकार के निर्देश के बाद भी महिलाओं के आरक्षित सीट पर दूसरो को बिठाया जा रहा है। महिलाएं अक्सर बच्चों के साथ सफर करती है। इसके बाद भी तय नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। कुल मिलाकर जिले में बस में सफर करना कठिन होता जा रहा है।
यात्री कर रहे बसों का इंतजार
इधर भीषण गर्मी के बीच सफर करने वाले यात्री बसों का इंतजार करते भी देखे जा रहे हैं। पसीने से तरबतर महिलाएं व पुरूष यात्री भी तेज धूप और गर्मी के बीच बस स्टैंड जाने के बजाय नजदीकी स्टैंड में बसों का गंतव्य जाने इंतजार करते देखे जा सकते हैं।
ऐसे में सुनसान इलाकों वाले स्टैंड और भीड़ भरे इलाकों के स्टैंडों में उठाईगिरी और पाकेटमारों की भी नजरे रहती है। ऐसे में यात्रियों को अपने सामानों को लेकर भी चिंता सताने लगी है।
ट्रेनों में भी बढ़ी भीड़
वैवाहिक सीजन शुरू होते ही लंबी दूरी के लोगों की वजह से ट्रेनों में भी भीड़ बढऩे लगी है। लोकल के अलावा एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। भीषण गर्मी के बीच लोग वैवाहिक आयोजनों में पहुंचने के लिए दिक्कत वाला सफर कर रहे हैं। वहीं यात्रियों की संख्या बढऩे से लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ रही है।
मालवाहकों में ढ़ोए जा रहे बाराती
शादी के दौर में हल्के चार पहिया वाहन संचालक भी कमाई करने के लिए बारातियों को भरकर लाने ले जाने का काम कर रहे हैं। लिहाजा मालवाहक से टै्रक्टरों का भी वैवाहिक कार्यक्रम में उपयोग हो रहा है। मांगलिक कार्यों के दौरान पूर्व में बड़े सडक़ हादसे हो चुके हैं। बताया जाता है कि बारात ले जाने की होड़ में निर्धारित क्षमता की अनदेखी की जाती है, जिस वजह से सडक़ों में हादसे होते हैं। मालवाहक गाडिय़ों में जगह नहीं होने के बाद भी संचालक लोगों को भरकर ले जाते हैं। साथ ही ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर का इस्तेमाल करने के दौरान लापरवाही बरती जाती है। जिले में छोटे वाहनों का धड़ल्ले से शादी सीजन में अब भी उपयोग किया जा रहा है। जिससे कभी भी गंभीर घटनाएं हो सकती है।