राजनांदगांव

बाल विवाह कराने वालों पर 2 वर्ष और एक लाख जुर्माने का प्रावधान
12-Apr-2025 9:38 PM
बाल विवाह कराने वालों पर 2 वर्ष और एक लाख जुर्माने का प्रावधान

 बाल विवाह रोकने कार्यशाला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अप्रैल।
बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की अवधारणा को साकार करने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान 10 मार्च 2024 से संचालित किया जा रहा है।
इसी तारतम्य में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा जिला प्रशासन राजनांदगांव द्वारा जिले स्तर एवं विकासखंड स्तर तथा ग्राम स्तर पर निरंतर प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर संजय अग्रवाल के अध्यक्षता में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के संबंध में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समाज प्रमुखों का जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास गुरूप्रीत कौर, जिले के विभिन्न समाजों के समाज प्रमुख एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर कलेक्टर ने लोगों को बाल विवाह की रोकथाम के लिए संकल्प दिलाया।
कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालकों की शारीरिक एवं मानसिक विकास नहीं होने के कारण उनके जीवन में बाधाएं उत्पन्न होती है और शिक्षा अवरूद्ध होने से उनका पूरा कैरियर प्रभावित हो जाता हैै, इसलिए शासन द्वारा बाल विवाह की रोकथाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लाया गया है। जिसके तहत जिले के किसी भी ग्राम में बाल विवाह न हो, इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी की आवश्यकता है, ताकि जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके।  बाल विवाह की जानकारी प्राप्त होने पर चाईल्ड हेल्प लाइन 1098 एवं महिला हेल्पलाइन 181 तथा 112 में अवश्य सूचना दे सकते हैं ताकि बाल विवाह को समय पर रोका जा सकें।

जिला पंचायत  सीईओ सुरूचि सिंह ने बताया कि कम उम्र में शादी होने से बच्चें कुपोषण के शिकार हो जाते है तथा अनेक बार प्रसव के दौरान शिशु मृत्यु एवं मातृ मृत्यु के खतरे बढ़ जाते है। जिला कार्यक्रम अधिकारी  गुरप्रीत कौर ने अपील करते कहा कि  समाज में होने वाले प्रत्येक कार्यक्रम में बाल विवाह रोकथाम की चर्चा हो एवं बाल विवाह नहीं करने का शपथ दिलाया जाए।

 

प्रशिक्षण के मुख्य प्रशिक्षक शरद श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 18 वर्ष से कम उम्र में लड़कियों तथा 21 वर्ष से कम उम्र में लडक़ों के विवाह बाल विवाह है। कम उम्र में बाल विवाह करने व कराने वाले, वैवाहिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने वाले, नाचने-गाने-बजाने वाले, वैवाहिक अनुष्ठानकर्ताओं एवं बैण्ड पार्टियों तथा टेन्ट वालो इत्यादि को 2 वर्ष सजा एवं 1 लाख की जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत प्रावधानित किया गया है। कार्यशाला के अंत में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी एनएस रावटे द्वारा उपस्थित समाज प्रमुखों एवं वैवाहिक अनुष्ठानकर्ताओं तथा प्रशिक्षकों का आभार प्रकट किया गया। उन्मुखीकरण सह कार्यशाला को सुगम बनाने में संरक्षण अधिकारी विनोद जंघेल एवं किशन देवांगन व स्मिता उके परीवीक्षा अधिकारी तथा जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग के समस्त कर्मचारियों की प्रमुख भागीदारी रही।


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