राजनांदगांव

मृतक बैगा समुदाय का युवक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 मार्च। मध्यप्रदेश के बालाघाट रेंज के मंडला जिले में 8 मार्च को पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में मारे गए एक अज्ञात युवक की शिनाख्ती हो गई है। वारदात के लगभग सप्ताहभर बाद पुलिस ने मृतक की हिरेन्द्र सिंह पार्थ (38 वर्ष) के रूप में शिनाख्त की है।
8 मार्च को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान मंडला जिले के खटिया इलाके के अंदरूनी जंगल में पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल से एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया। वहीं पुलिस ने नक्सलियों को सहयोग करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया।
इस संबंध में बालाघाट रेंज आईजी संजय कुमार ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि मृतक की पहचान कर ली गई है। साथ ही नक्सलियों के साथ घटना के दौरान उसकी मौजूदगी की भी जांच की जा रही है।
बताया जा रहा है कि मृतक बैगा समुदाय से ताल्लुक रखता है। मृतक लसारा टोलागांव का रहने वाला था।
पुलिस का कहना है कि नक्सली आदिवासियों को लेकर अंदरूनी इलाकों में घूमते हैं। ऐसे में मृतक मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली का शिकार हो गया।
गौरतलब है कि बालाघाट पुलिस के हाथों तकरीबन 3 साल पूर्व भी कवर्धा के रहने वाले झामसिंह गोंड की गोली लगने से मौत हो गई थी। उस दौरान बालाघाट पुलिस ने झामसिंह गोड को आम ग्रामीण मानने से इंकार कर दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले को लेकर काफी विरोध किया था।
आखिरकार मध्यप्रदेश पुलिस ने घटना को लेकर अपनी गलती स्वीकार की थी। बाद में झामसिंह गोड़ को मध्यप्रदेश सरकार की ओर से मुआवजा भी दिया गया था।