राजनांदगांव
लुप्त विधा की प्रस्तुति देकर दर्शकों को लुभाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प में प्रदेश की उभरती गायिका हिमानी वासनिक ने राजा भरथरी की लोक गाथा को प्रस्तुत किया। राजिम कुंभ में प्रस्तुति देना कलाकारों का सपना होता है। जिसमें शहर की हिमानी को जिला प्रशासन गरियाबंद ने अवसर दिया। हिमानी वासनिक ने राजा भरथरी की लोक गाथा की प्रस्तुति देकर दर्शकों को अपनी कला से लुभाया।
हिमानी प्रदेश की उभरती भरथरी गायिका है तथा भरथरी की शिक्षा भरथरी की अंतरराष्ट्रीय कलाकार रेखा जलक्षत्रिय से ले रही है और प्रदेश की लुप्त होती विधा को गा रही है। इस विधा के जरिये हिमानी ने राजा भरथरी के जन्म प्रसंग को संजीदगी के साथ प्रस्तुत किया। मंच पर आसीन अतिथि से लेकर दर्शक हिमानी वासनिक के प्रस्तुतिकरण से अभिभूत हुए। भरथरी छत्तीसगढ़ राज्य की एक प्रमुख विधा है। पिछले कुछ साल से यह विधा लुप्त होने के कगार पर है। ऐसे में हिमानी वासनिक ने लोगों के बीच शानदार प्रस्तुति देकर इस विधा की खासियत से हर वर्ग को अवगत कराया। हिमानी इस विधा की शिक्षा अंतरराष्ट्रीय कलाकार रेखा जलक्षत्रिय से ले रही है। प्रदेश में यह विधा समाप्त होने की स्थिति में है। हिमानी एक अच्छी गायिका भी है।
गौरतलब है कि हिमानी वासनिक छत्तीसगढ़ की मुख्य लोकगायिका कविता वासनिक और लोक संगीत से जुड़े विवेक वासनिक की सुपुत्री है। मंच में हिमानी ने अपने प्रभावी मुद्राओं से सबको वाहवाह करने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की प्रस्तुति में हारमोनियम हर्ष मेश्राम, बैंजो शलिक कश्यप, तबला चंद्रकांत निर्मलकर, मंजिरा दिनेश साहू, रागी राकेश सिन्हा एवं गायिका गीतिका डोंगरे ने अपनी छाप छोड़ी।


