राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 जनवरी। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय में प्राचार्य के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में पीएम उषा प्रकोष्ठ आइक्यूएसी प्रकोष्ठ एवं महिला प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में छात्राओं के लिए आयोजित विधिक अधिकार एवं जागरूकता विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ।
कार्यशाला के प्रथम दिन रायपुर से पधारी एडवोकेट गरिमा सिडार ने महिलाओं के लिए नए संशोधित कानून में बदलाव एवं यौन उत्पीडऩ में सजा के प्रावधान पर विस्तृत व्याख्यान दिया। दूसरे दिन रायपुर से पधारे प्राध्यापक विधि विभाग हेमंत नंदगौरी ने भारतीय संविधान में महिलाओं के विशेषाधिकार पर छात्राओं को जागरूक किया। तीसरे दिन शासकीय योगानंदम छत्तीसगढ़ कॉलेज रायपुर के अतिथि वक्ता संदीप सरवन ने सूचना के तहत अधिकार, उसका उद्देश्य, महत्व एम और उसकी प्रक्रिया पर छात्राओं को जागरूक किया। चतुर्थ दिन बिलासपुर हाईकोर्ट की अधिवक्ता प्रतीक्षा सिंह ने छात्राओं को साइबर क्राइम अपराधीकरण एवं महिलाएं कैसे सुरक्षित रहें, इस गंभीर विषय पर सजग किया। कार्यक्रम के अंतिम एवं समापन दिवस पर बालोद से पधारी सहायक प्राध्यापक डॉ. स्वाति वैष्णव ने महिलाओं के लिए उपभोक्ता अधिनियम और अधिकार की आवश्यकता पर सारगर्भित व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के अंत में छात्राओं से कार्यशाला के विषयों पर आधारित च्जि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्राचार्य ने कहा कि निश्चित रूप से ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से छात्राएं सचेत होगी और समाज में बढ़ रहे अपराधों से अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकती हैं। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से छात्राओं एवं महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिव्या देशपांडे ने धन्यवाद, ज्ञापन डॉ. नीलम तिवारी ने किया।
पांच दिवसीय कार्यशाला का प्रतिवेदन डॉ. आराधना गोस्वामी ने प्रस्तुत किया। कार्यशाला में डॉ. मीना प्रसाद संयोजक महिला प्रकोष्ठ, डॉ. अनीता साहा, डॉ. नीलम तिवारी, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. किरण जैन, करुणा रावत, रोहिणी समीराथ, डॉ. स्वयंसिद्ध झा सहित अन्य सहायक प्राध्यापिकाएं उपस्थिति रही।