राजनांदगांव

आम लोगों की बेहतरी पुलिस की पहली प्राथमिकता-आईजी झा
04-Jan-2025 2:36 PM
आम लोगों की बेहतरी पुलिस की पहली प्राथमिकता-आईजी झा

हर मोर्चे पर रेंज की पुलिस ने हासिल की सफलता, सीमा पर नक्सली सिमटे

प्रदीप मेश्राम

राजनांदगांव, 4 जनवरी (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता )। राजनांदगांव रेंज की पुलिस ने गुजरे एक साल में नक्सल पैठ माने जानेे वाले इलाकों में  सिलसिलेवार सुरक्षा कैंप की शुरूआत कर अपनी पकड़ से एक उन्मुक्त माहौल बनाया है। पुलिस ने गैर नक्सल अपराधों पर नकेल कसते संगठित अपराध की जड़ों पर तगड़ा प्रहार किया। इसके फलस्वरूप शराब, गांजा और अन्य अपराध को फलने-फूलने का मौका नहीं मिला। राजनांदगांव रेंज आईजी दीपक झा ने ‘छत्तीसगढ़’  से खास बातचीत कर  सुरक्षात्मक विषयों पर चर्चा की।

0 आपके रेंज में नक्सल समस्या की मौजूदा स्थिति क्या है?
00 राजनांदगांव रेंज में नक्सल समस्या पूरी तरह से नियंत्रित है। नक्सलियों को रेंज में दाखिल होने से रोकने बीते एक साल में 12 सुरक्षा कैंप खोल गए हैं। एमएमसी जोन में नक्सल सफाये के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले टारगेट के आधार पर पुलिस आगे बढ़ रही है।

0 क्या आप मानते हंै सुरक्षा कैंपों के जरिये जनता पुलिस से जुड़ाव महसूस कर रही है।
00 बिल्कुल कैंपों के खुलने से जनसमुदाय को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उन्मुक्त माहौल मिला है। नक्सल भय अब सिमटने लगा है। ग्रामीण बेहिचक अपनी समस्या को पुलिस के जरिये प्रशासन तक पहुंचा रहे  हैं।

0 आपके रेंज के चारों जिले की कानून-व्यवस्था पर बात करें तो पिछले साल कुछ जगह पुलिस-पब्लिक आमने-सामने रही, इस पर आपका क्या कहना है।
00 कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि पुलिस कमजोर है। कानून-व्यवस्था को पुख्ता करने  के साथ ही जनसामान्य की बेहतरी पर पुलिस का पूरा ध्यान है।

0 आपके रेंज की सभी जिले दूसरे राज्यों की सरहदों से सटे हैं। क्या भागौलिक रूप से नक्सलियों से निपटने सीमा से अड़चन आती है?
00 सभी सरहदी जिलों में पुलिस का ज्वाइंट टॉस्क फोर्स (जेटीएफ) मुस्तैद है। जेटीएफ दूसरे राज्यों के साथ एक संयुक्त बल है, जो सीमा पर खोले गए कैंपों में तैनात है। जेटीएफ की वजह से नक्सली पीछे जा रहे हैं।

0 नई नक्सल सरेंडर नीति पर क्या लाभ होगा?
00 नई नक्सल नीति निश्चित तौर पर कारगर साबित होगी। वजह यह है कि केंद्र सरकार ने सरेंडर करने  पर तीन साल तक 10 हजार रुपए प्रोत्साहित राशि देने के अलावा मकान और रोजगार के  लिए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

0 नए कानून के तहत पुलिस की कार्यशैली पर क्या बदलाव आया है?
00 नए कानून से पुलिस ने आपराधिक मामलों में पारदर्शिता को लेकर विशेष कार्य किया है। पुलिस ने ई-साक्ष्य एपलिकेशन का बखूबी इस्तेमाल किया है। पुलिस अत्याधुनिक तकनीकों की सहायता से अपराधों पर काबू पाने की दिशा में दक्ष हो रही है। मसलन इंटरसेप्टर वाहन से हाई स्पीड वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई कर रही है। बे्रथलाईजर से शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्ती बरत रही है।

0  रेंज में एनडीपीएस और यूएपीए के तहत क्या कार्रवाई हुई है?
00 पूरे रेंज में मादक पदार्थों विशेषकर शराब, गांजा और नशीली दवाईयों के तस्करों पर एनडीपीएस की धारा के तहत सख्ती से कार्रवाई हुई है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा से सटे होने का फायदा उठाने के नापाक कोशिशों पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। यूएपीए की धारा के तहत कड़े नियम हैं। पुलिस अतिवादियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ नजर रख रही है।

0  रेंज में बढ़ते सडक़ हादसों का स्तर चिंताजनक है, पुलिस इसके लिए क्या उपाय तलाश रही है?
00 निश्चित तौर पर साल 2024 में रेंज में जो आंकड़े आए है, वह फिक्र करने का विषय है। सडक़ सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान के साथ केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार ने हादसे में मरने वालों को बचाने पर 5 हजार रुपए का पुरस्कार  देने का नियम बनाया है। पुलिस सडक़ हादसें में कमी लाने पूरा जोर लगा रही है।

0 पुलिस की सामाजिक सरोकार पर क्या कार्य किया ?
00 पुलिस की मदद से नक्सल क्षेत्रों में खोले जा रहे कैंप से बुनियादी सरंचना तैयार हो रही है। प्रशासन को अधोसरंचना के कार्य के लिए एक निर्भिक वातावरण चाहिए। पुलिस इसके लिए एक सुरक्षित माहौल बना रही है। यह समझना होगा कि उक्त प्रयास सामाजिक सरोकार से जुड़ा हुआ है।
 


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