राजनांदगांव

राजनांदगांव, 23 दिसंबर। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग में ठाकुर प्यारेलाल सिंह की जयंती मनाई गई।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने ठाकुर प्यारेलाल सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते कहा कि इनका प्रारंभिक जीवनी राजनांदगांव तथा रायपुर में हुई। नागपुर तथा जबलपुर में आपने उच्च शिक्षा प्राप्त की 1916 में वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण की। 1920 में राजनांदगांव में मिल मालिकों के शोषण के विरूद्ध आवाज उठाई थी। जिसमें मजदूरों की जीत हुई थी। आपके प्रयासों से ही स्थानीय आंदोलनों और राष्ट्रीय आंदोलन हेतु जनजागरण की शुरूआत हुई थी। ठाकुर प्यारेलाल सिंह द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब दुकानों की पिनटिंग, नमक कानून तोडऩा दलित उत्पादन जैसे अनेक कार्यों का संचालन किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. केएल दामले ने कहा कि हमें एक महापुरूष की जीवनी एवं संघर्ष के बारे में जानना चाहिए कि किस तरह उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और जनजागृति हेतु कार्य किए। राजनांदगांव के निवासी होने के बाद भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले ठाकुर प्यारेलाल सिंह के जीवन के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं। स्वतंत्रता के मूल्यों को पहचान कर राष्ट्र को सशक्त बनाने में अपना योगदान दें। कार्यक्रम का संचालन करते प्रो.हिरेन्द्र बहादुर ठाकुर ने कहा कि ठाकुर प्यारेलाल सिंह भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा क्रांतिकारी थे। वे छत्तीसगढ़ में श्रमिक आंदोलन के सूत्रधार तथा सहकारिता आंदोलन के प्रणेताओं का आभार डॉ.अजय शर्मा द्वारा किया गया।