राजनांदगांव

तुलसी भारत के ही नहीं विश्व के कवि है -यादव
18-Aug-2024 2:38 PM
तुलसी भारत के ही नहीं विश्व के कवि है -यादव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 अगस्त।
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव के हिंदी विभाग द्वारा तुलसी जयंती समारोह आयोजित की गई। इस अवसर पर तुलसी की कविताओं का सस्वर पाठ प्रतियोगिता एवं अतिथि व्याख्यान आयोजित की गई। 

मुख्य वक्ता इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता कला संकाय डॉ. राजन यादव ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास लोक के कवि हैं। वे केवल भारत के ही नहीं विश्व के कवि हैं। उनकी रचनाएं विद्वानों से लेकर जन सामान्य में समान रूप से प्रचलित हैं।

प्राचार्य डॉ. अंजना ठाकुर ने कहा कि रामचरित मानस जैसी रचना लिखकर रामबोला तुलसीदास बने। उनका साहित्य जनमानस में काफी लोकप्रिय हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर मुनि राय ने कहा कि तुलसी की चौपाई की अनुगूंज विद्वानों की गोष्टी से लेकर खेत खलिहानों तक सुनी जा सकती है। डॉ. बीएन जागृत ने कहा कि तुलसीदास को एक भक्त कवि के साथ ही एक साहित्यकार के रूप में पढ़ा जाना चाहिए। डॉ. प्रवीण साहू ने श्री राम प्राकट्य प्रसंग का पाठ किया। रचना पाठ प्रतियोगिता में प्रथम नावेश चंद्र, द्वितीय यादेश्वर साहू एवं तृतीय स्थान मनीष टांडेकर ने प्राप्त किया। विजेताओं को पुरस्कार में पुस्तक और प्रमाण पत्र अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. राजन यादव को डॉ. प्रवीण साहू द्वारा लिखित पुस्तक भेंट की गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीलम तिवारी ने किया।
 


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