राजनांदगांव

बस्तर में पुलिस आतंक और सुरजू टेकाम को जेल से रिहा जैसे मुद्दे को लेकर प्रदर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 जून। सर्व आदिवासी समाज बस्तर में कथित तौर पर पुलिस के आतंक और आदिवासी नेता सुरजू टेकाम को जेल से रिहा जैसे अन्य मुद्दों को लेकर कल शुक्रवार को मानपुर में जेल भरो आंदोलन के तहत प्रदर्शन करेगा।
बताया गया कि जेल भरो आंदोलन में बस्तर के अलग-अलग जिलों के अलावा राजनंादगांव, मोहला-मानपुर और अन्य जिलों से बड़ी तादाद में लोग मानपुर में जुटेंगे। बस्तर में पुलिस हिंसा के शिकार लोगों को न्याया दिलाने, मानपुर के बड़े आदिवासी नेता सुरजू टेकाम को जेल से रिहा कराने के अलावा अन्य सामाजिक समस्याओं को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि मोहला-मानपुर पुलिस ने प्रदर्शन के चलते सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।
एसपी वाईपी सिंह ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि प्रदर्शन के मद्देनजर जवानों को सुरक्षा मोर्चे पर तैनात किया गया है। आदिवासी समाज की अलग-अलग मांग है। इस बीच मानपुर में जुट रहे प्रदेशभर के आदिवासी नेताओं की मौजूदगी से इलाके में हाईअलर्ट है। माना जा रहा है कि इस आंदोलन को कतिपय रूप से नक्सलियों का समर्थन हासिल है। नक्सलियों की भूमिका को लेकर पुलिस इन्कार नहीं कर रही है। मानपुर में हो रहे जेल भरो आंदोलन को लेकर राज्य सरकार से कई अहम जानकारियां जिला पुलिस के साथ साझा की गई है।
बताया जा रहा है कि आदिवासी समाज के बैनर तले यह प्रदर्शन आयोजित किया गया है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश विशेषकर बस्तर में कथित तौर पर पुलिस पर बढ़ते मामले को लेकर समाज में आका्रेश है। एक जानकारी के मुताबिक प्रदर्शन में दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर, कांकेर, नारायणपुर के अलावा अन्य आदिवासी इलाकों के लोग पहुंचेंगे। ऐसे में कल मानपुर में पुलिस हाईअलर्ट में रहेगी।
छुट्टी कैंसल कर लौट रहे आईजी
मानपुर जेल भरो आंदोलन के व्यापक स्तर पर होने की संभावना के बीच राजनांदगांव आईजी दीपक झा छुट्टी कैंसल कर वापस लौट रहे हैं। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने आईजी से फौरन लौटने का निर्देश दिया। वजह यह है कि बलौदाबाजार में हुए घटनाक्रम के चलते पुलिस महानिरीक्षक को सरकार ने मौके पर रहने के निर्देश दिए हैं। आईजी झा गुरुवार देर शाम तक कार्य पर उपस्थित हो जाएंगे। आदिवासियों के प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने अलग-अलग मोर्चे पर तैयारी की है। जेल भरो आंदोलन के तहत सरकारी खासतौर पर कलेक्टोरेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।