राजनांदगांव

चालक हड़ताल से स्कूल, गैस और खाद्यान्न आपूर्ति पर भी असर
02-Jan-2024 1:35 PM
चालक हड़ताल से स्कूल, गैस और खाद्यान्न आपूर्ति पर भी असर

पुलिस सुरक्षा में कुछ पंपों में पहुंची टैंकर, नांदगांव समेत मोहला-मानपुर के 150 पंप सूखे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 2 जनवरी।
नए हिट एंड रन कानून के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल पर चालक हैं। चालक यूनियन ने दूसरे दिन भी सरकार से फैसला वापस लेने के लिए आवाज उठाई। नए साल के दूसरे दिन भी कई पंप सूखे नजर आए। 

अब इस हड़ताल से न सिर्फ वाहनों से जुड़े कारोबार, बल्कि स्कूल, गैस तथा खाद्य सेवाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ता दिख रहा है। लिहाजा एजेंसियों में गैस सिलेंडर लेने के लिए पहुंच रहे हैं, वहीं स्कूली बसों के चालकों के हड़ताल में चले जाने से प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

बताया जा रहा है कि हड़ताल से दूर चालकों पर दबाव बनाने के लिए यूनियन सडक़ों पर रोकटोक के साथ दबाव बना रहा है। इसी के चलते स्कूली बस के ड्राइवरों ने भी यूनियन का समर्थन कर दिया है। देशभर में 3 जनवरी तक चालकों ने हड़ताल का ऐलान किया है। जिसके चलते चालकों से जुड़े कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।

इधर, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर और खैरागढ़ जिले की 150 से ज्यादा पेट्रोल पंपों में से चुनिंदा पंपों में ही पेट्रोल-डीजल उपलब्ध हंै। जिन पंपों में पेट्रोल और डीजल की बिक्री हो रही है, वह पंप संचालक के निजी टैंकरों से आपूर्ति की वजह से संभव हो पा रही है। 

ज्यादातर पंप संचालक ट्रांसपोर्टरों के जरिये ईंधन की आपूर्ति करते हैं। ट्रांसपोर्टरों के चालकों ने ही हड़ताल के लिए एक मुहिम तैयार की। नतीजतन पूरे देश में हड़ताल से व्यवस्था चरमरा रही है। 

पुलिस ने टैंकरों को सुरक्षा भी प्रदान की है। शहर में बीती रात को एक-दो पंप में पुलिस की निगरानी में टैंकर पहुंची। बताया जा रहा है कि राजनांदगांव शहर के पुलिस पेट्रोल पंप और मनसुख लाल पेट्रोल पंप में ही फ्यूल उपलब्ध है। अधिकांश पंप पूरी तरह से सूखे हुए हैं।

हड़ताल के कारण सर्वाधिक नुकसान निजी स्कूलों पर पड़ रहा है। इससे पालक  भी परेशान हो चले हैं।  एक जानकारी के मुताबिक डीजल की कमी का हवाला देकर कई निजी स्कूलों ने परिजनों को असुविधा के लिए खेद जताया है, वहीं पालकों से व्यवस्था के दुरूस्त होने तक बच्चों को लाने-ले-जाने की जिम्मेदारी उठाने की अपील की है। खानपान के क्षेत्र में भी फ्यूल संकट ने मुश्किलें खड़ी कर दी है। गैस सिलेंडर के लिए भी लोगों में किल्लत होने का अंदेशा गहरा गया है। 

इस संबंध में एचपी गैस एजेंसी के संचालक चंद्रकांत चेतवानी ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि हड़ताल की भनक लग गई थी। लिहाजा पर्याप्त सिलेंडर स्टॉक में है। हड़ताल से आंशिक असर पड़ सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। 

पेट्रोल पंप संचालक रईस अहमद शकील ने बताया कि 3 जनवरी को हड़ताल की मियाद पूरी होगी। पंपों में फ्यूल के लिए अभी भी संकट है। इस बीच पिछले दो दिनों से जारी हड़ताल से 3 करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। कम से कम हर पंप में 50 से 60 हजार रुपए का कारोबार प्रतिदिन होता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि पंप संचालकों को करोड़ों रुपए का  आंशिक नुकसान पहुंचा है।  

पुलिस और मनसुख पेट्रोल पंप में दो पहिया वाहनों की भीड़
शहर में पेट्रोल-डीजल के गहरे संकट के बीच दो पहिया वाहनों में पेट्रोल के लिए लंबी कतारें नजर आ रही है। शहर के सिर्फ दो पेट्रोल पंप में ही पेट्रोल और डीजल की बिक्री हो रही है। पुलिस और मनसुख लाल पेट्रोल पंप में फ्यूल के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। 

बताया जा रहा है कि कुछ पेट्रोल पंप में देर शाम तक फ्यूल की आपूर्ति होगी। देहात क्षेत्रों के पंपों में भी लोग फ्यूल के लिए कतारबद्ध हैं। शहर के बाहर स्थित गठुला, फरहद, तुमड़ीबोड, पेंड्री, मोहारा, सिंगदई, पदुमतरा, सिंघोला, सुरगी तक लोग पेट्रोल की खरीदी करने पहुंच रहे हैं। अचानक शहरी लोगों की मौजूदगी से पेट्रोल पंपों में भी उपलब्ध फ्यूल में कमी आ गई है। लंबी दूरी का सफर तय करने वाले कार सवार और टैक्सी चालकों को भी हड़ताल से उपजी अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। एक-दो दिन में स्थिति सामान्य होने की संभावना है। इससे परे एक और दो जनवरी को शहर समेत जिले के अधिकांश पेट्रोल पंपों में घंटों इंतजार करने के बाद कम मात्रा में पेट्रोल-डीजल लोगों को नसीब हुआ।
 

 


अन्य पोस्ट