राजनांदगांव

कल विस के नतीजे : हार-जीत में बनेंगे कई नए रिकॉर्ड
02-Dec-2023 4:25 PM
कल विस के नतीजे : हार-जीत में बनेंगे कई नए रिकॉर्ड

दो हॉट सीट राजनांदगांव-कवर्धा पर सबकी नजर, परिणाम किसी के भी पक्ष में हो, रिकार्ड बनना तय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 दिसंबर।
विधानसभा चुनाव के नतीजे कल रविवार दोपहर तक स्पष्ट तौर पर लोगों के सामने होगा। हार-जीत किसी के भी पक्ष में हो, यह तय है कि रिकार्ड बनेंगे। राजनांदगांव लोकसभा की सभी 8 सीटों में 7 नवंबर को पहले चरण में मतदान हुआ था। इस सीट के सभी उम्मीदवारों को नतीजों के लिए करीबन एक माह तक इंतजार करना पड़ा। कल सुबह 8 बजे से मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। सभी सीटों में 14-14 टेबल में मतगणना होगी। सर्वाधिक कवर्धा विधानसभा में 20 राउंड गिनती होगी। 

राजनांदगांव के नतीजों के लिए लोगों को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। वजह यह है कि प्रदेश में सर्वाधिक 29 उम्मीदवार इस सीट पर चुनाव लड़ रहे थे। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा। मतों की गिनती डाक मतों से शुरू होगी। इसके बाद ईवीएम मशीन में मतों की गणना होगी। बताया जा रहा है कि मतगणना से पूर्व सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को स्ट्रांग रूम में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद मतगणना स्थल में मशीनों को लाया जाएगा। 

राजनांदगांव : प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में शामिल इस सीट पर हार-जीत से रिकार्ड बनना तय है। यदि भाजपा के रमन सिंह ने बाजी मारी तो वह चौथी बार बतौर विधायक निर्वाचित होंगे। वैसे रमन सिंह राजनांदगांव जिले से 5वीं बार चुनावी मैदान में है। वह 2003 में मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद 2004 के उपचुनाव में उन्होंने डोंगरगांव से विधायक निर्वाचित हुए थे। वहीं कांग्रेस के गिरीश देवांगन ने जीत का डंका बजाया तो वह इतिहास बनाएंगे। देवांगन का दावा है कि वह रमन सिंह को परास्त करने में कामयाब रहेंगे। 

 

कवर्धा : प्रदेश की दूसरी हॉट सीट में शामिल कवर्धा विधानसभा में प्रदेश सरकार के वन मंत्री मो. अकबर और भाजपा के विजय शर्मा आमने-सामने हैं। अकबर के खाते में जीत दर्ज होने पर वह लगातार इस सीट से दूसरी बार जीतने वाले संभवत: पहले प्रत्याशी होंगे। पिछले कुछ सालों से अकबर ने पिछले विधानसभा चुनाव में 60 हजार मतों से भाजपा के अशोक साहू को शिकस्त दी थी। विजय शर्मा की जीत की स्थिति में भी रिकार्ड बन सकता है। शर्मा पहली बार में ही जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचने वाले उम्मीदवार होंगे।

 

खैरागढ़ : राजघरानों की सियासत का केंद्र रहा खैरागढ़ विधानसभा चुनाव में भी रिकार्ड बनना तय है। कांग्रेस की यशोदा वर्मा की जीत से वह लगातार विधायक चुनी जाने वाली संभवत: दूसरी प्रत्याशी होंगी। इससे पहले स्व. रानी रश्मिदेवी के नाम लगातार चुनाव जीतने का रिकार्ड रहा है। भाजपा के युवा चेहरे विक्रांत सिंह के चुनाव जीतने पर एक बार फिर महल का वर्चस्व सियासत में बढ़ेगा। 

 

डोंगरगांव : डोंगरगांव विधानसभा में भी रिकार्ड बनना तय है। कांग्रेस के दलेश्वर साहू हैट्रिक लगाने की उम्मीद लेकर चुनावी मैदान में उतरे थे। उनके विजयी होने पर यह पहला मौका होगा, जब किसी उम्मीदवार ने तीसरी बार जीत हासिल की। इससे पूर्व खैरागढ़ राजघराने की स्व. गीतादेवी सिंह दो मर्तबा जीतने में कामयाब रही। भाजपा के भरत वर्मा की जीत होने पर पार्टी की विधानसभा में वापसी होगी। 10 साल से भाजपा यहां जीत के लिए तरस रही है।

 

डोंगरगढ़ : अनुसूचित जाति आरक्षित इस सीट में भी नए रिकार्ड बनेंगे। कांग्रेस की हर्षिता स्वामी बघेल के बाजी मारने पर डोंगरगढ़ को पहली मर्तबा कांग्रेस विधायक मिलेगा। अब तक कांग्रेस ने पुरूषों को ही उम्मीदवार के लायक समझा था। 2013 के चुनाव में भाजपा ने महिला उम्मीदवार के रूप में सरोजनी बंजारे को मौका दिया। उन्होंने जीत हासिल कर क्षेत्र की पहली महिला विधायक होने का गौरव हासिल किया था। मौजूदा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व विधायक विनोद खांडेकर को चुनाव मैदान में उतारा है। खांडेकर यदि जीतने में कामयाब हुए तो पहले ही भाजपा विधायक होंगे, जिन्हें दो बार निर्वाचित होने का अवसर मिला। 

 

पंडरिया : कवर्धा जिले की पंडरिया विस सीट कुर्मी बाहुल्य मतदाताओं वाला क्षेत्र है। भाजपा ने पहली मर्तबा महिला प्रत्याशी के रूप में भावना बोहरा को मौका दिया है। अब तक यहां भाजपा पुरूषों पर ही दांव लगाती रही है। उनकी जीत से पहली बार भाजपा को महिला विधायक मिलेगा। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार नीलकंठ चंद्रवंशी जीतने के बाद एक नया रिकार्ड बनाते हुए पुरूष वर्ग के पहले कुर्मी विधायक होंगे। 2018 के विस चुनाव में पंडरिया का महिला विधायक के तौर पर कांग्रेस की ममता चंद्राकर ने नेतृत्व किया था। कांग्रेस ने इस बार उनकी टिकट काट दी।

 

खुज्जी : जातिगत समीकरण की राजनीति का केंद्र बिन्दु रहा खुज्जी विधानसभा भी रिकार्ड के लिए जाना जाएगा। भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष गीता साहू को पार्टी की पहली महिला विधायक निर्वाचित होने की उम्मीद के साथ मैदान में उतारा है। इस सीट से कांग्रेस ने पिछले विस चुनाव में छन्नी साहू को मौका दिया था। वह पहली महिला विधायक निर्वाचित हुई थी। भाजपा से मुकाबला कर रहे भोलाराम साहू भी जीतकर एक नया रिकार्ड बना सकते हैं। वह 2008 से 2018 तक लगातार दो मर्तबा विधायक चुने गए। गत् चुनाव में उन्हें पार्टी ने मौका नहीं दिया। 2023 के चुनाव में तीसरी बार विधायक निर्वाचित होने पर वह पूर्व विधायक स्व. रजिंदरपाल सिंह भाटिया के रिकार्ड की बराबरी करेंगे।

 

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मोहला-मानपुर सीट में भी रिकार्ड तय है। कांग्रेस उम्मीदवार इंद्रशाह मंडावी के कामयाब होने पर वह अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के संजीव शाह के रिकार्ड की बराबरी करेंगे। संजीव शाह 1998 से 2008 तक लगातार दो बार जीतने में कामयाब रहे। 15 साल बाद पार्टी ने शाह को फिर से मौका दिया है। उनके जीतने से वह तीसरी बार विधानसभा का नेतृत्व कर नया रिकार्ड बनाएंगे।


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