राजनांदगांव

एमएमसी कलेक्टर की दखल से सभी की सकुशल वापसी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 मई । मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के दर्जनभर मजदूरों को प्रशासन की मदद से सकुशल छुड़ाया गया। एमएमसी जिले के सिंघाभेड़ी -आमाटोला के रहने वाले युवाओं को मोबाइल कंपनी सैमसंग के एक फैक्ट्री में बंधक बनाकर रखा गया था। जिसमें राजनांदगांव जिले के छुरिया के तीन नौजवान भी शामिल थे। बंधक युवाओं ने सीधे एमएमसी कलेक्टर एस. जयवर्धन को फोन पर अपने साथ हो रहे बर्ताव को लेकर जानकारी दी।
कलेक्टर ने एसपी वाई. अक्षय कुमार से मामले में हस्तक्षेप करने के निर्देश दिए। इसके बाद राजनांदगांव के श्रम विभाग की टीम ने एक रेस्क्यू आपरेशन से 12 युवाओं को ठेकेदार से मुक्त कराया। मोहला-मानपुर-अं. चौकी कलेक्टर एस. जयवर्धन ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि युवाओं ने सीधे उनसे संपर्क कर वस्तुस्थिति की जानकारी दी थी। एक विशेष अभियान चलाकर सभी को सुरक्षित वापस लाया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक अप्रैल के महीने में एक व्यक्ति के जरिये कुल 12 युवक चेन्नई के नजदीक कांचीपुरम में संचालित एक सैमसंग फैक्ट्री में काम करने गए थे। इस दौरान ठेकेदार द्वारा सभी के साथ दुव्र्यवहार और गाली-गलौज किया जाता था। ठेकेदार के रवैये से दुखी होकर युवक जब बिना बताए घर लौटने के लिए बस स्टैंड पहुंचे तो सभी को बलातपूर्वक वापस कारखाने ले जाया गया। इस दौरान युवाओं को डराया-धमकाया गया। साथ ही मारकर फेंकने की धमकी दी गई। किसी तरह युवकों ने हिम्मत जुटाते कलेक्टर को सीधे अपने साथ हो रहे अत्याचार को लेकर जानकारी देते रिहाई के लिए गुहार लगाई।
आखिरकार तीन दिन के रेस्क्यू आपरेशन के बाद कांजीपुरम के प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी को सकुशल बाहर निकाला और ट्रेन में घर जाने के लिए छोड़ दिया। शुक्रवार को बंधक रहे युवक टिकेन्द्र राजपूत, कामेश चंद्रवंशी व महेश कुमार ने अपनी आपबीती सुनाते प्रशासन को धन्यवाद दिया। इस संबंध में श्रम निरीक्षक तारम सिंह मंडावी ने बताया कि कांजीपुरम के अफसरों के साथ एक रेस्क्यू आपरेशन कर युवाओं को सुरक्षित छुड़ाया गया है। कांजीपुरम प्रशासन मामले की जांच कर रही है।