राजनांदगांव

रोजगार सहायिका को बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक मनरेगा कार्य बंद रहेगा-ग्रामीण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़-चौकी, 24 अप्रैल। ब्लाक के मुकादाह ग्राम पंचायत में रोजगार सहायिका द्वारा अपने ही पति के जॉब कार्ड में फर्जी हाजरी और ग्रामीणों से जॉब कार्ड के नाम से सौ-सौ रुपये की उगाही मामले में मुकदाह के ग्रामीणों ने जनपद पंचायत मोहला में लिखित शिकायत की थी, जिस पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक रोजगार सहायिका पर कार्रवाई कर बर्खास्त कर नहीं किया जाता, तब तक मनरेगा कार्य बंद रहेगा, साथ ही चेतावनी दी है कि जल्द ही रोजगार सहायिका के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
ग्रामीणों का आरोप है कि जाँच के बाद आरोप सिद्ध होने पर अधिकारियों द्वारा रोजगार सहायक सीता सिन्हा, लखन सिन्हा और सरपंच पति पर कार्रवाई नहीं किया गया है और जनपद अधिकारियों द्वारा दोषियों को बचाया जा रहा है,साथ ही रोजगार सहायक को बर्खास्त करने की मांग की गई थी लेकिन अधिकारियों द्वारा रोजगार सहायिका को दूसरे जगह भेज दिया गया।
मुकदाह के ग्रामीणों ने 21 फरवरी 2022 को राजनांदगांव पहुंचकर कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और जिला पंचायत अध्यक्ष को लिखित शिकायत कर बताया कि 4 जून 2021 को रोजगार सहयिका के खिलाफ ग्रामवासियों ने मोहला मानपुर विधायक, अनुविभागीय अधिकारी और जनपद पंचायत अधिकारी मोहला को लिखित शिकायत की थी, जिस पर मोहला जनपद पंचायत द्वारा जाँच टीम बनाकर ग्राम पंचायत मुकदाह भेजा गया था, जाँच कमेटी ने ग्रामीणों के समक्ष शिकायतकर्ताओं का बयान लिया गया। साथ ही रोजगार सहायिका सीता सिन्हा और उसके पति लखन सिन्हा और सरपंच पति रोहित कोला से बयान लिया गया। ग्रामीणों और जाँच टीम के समक्ष बयान के आधार पर रोजगार सहायिका सीता सिन्हा , लखन सिन्हा व रोहित कोला को दोषी पाया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि जाँच में पाए गए दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय अधिकरियों ने मुकदाह के ग्रामीणों को गुमराह कर रोजगार सहायिका को बर्खास्त न कर मोहभठ्ठा पंचायत में भेज दिया गया। दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने से और मोहला जनपद अधिकारियो की इस रवैये से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
ग्रामीणों ने लगाये रोजगार सहायिका पर फर्जीवाड़ा के कई आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि रोजगार सहायिका सीता सिन्हा के द्वारा महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत आने वाले योजनाए जैसे डाबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, शौचालय निर्माण, सीसी रोड, प्रधानमंत्री आवास योजना, नालापार बोरी बन्धान, भूमि सुधार, गौठान कार्य में जितने भी कार्य कराया जाता है, उसमें रोजगार सहायिका के पति के नाम से फर्जी हजारी भरकर शासन की लाखों रुपये की राशि का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा किया गया है, वहीं एमजी नरेगा से ऑनलाइन 2017 से 2021 तक लगभग एक लाख रुपये का फर्जीवाड़ा कर रोजगार सहायिका ने अपने ही पति को लाभ पहुंचाया है।
आरोप लगाया है कि ग्रामीणों ने मनरेगा योजना में हाजरी नहीं भरा गया, जिससे पैसों में कटौती कर ग्रामीणों से छल किया गया है, वहीं जनपद अधिकारियों की जाँच पर सवाल उठ रहे हैं कि जनपद अधिकारियों द्वारा मामले की लीपापोती कर रोजगार सहायिका को बर्खास्त करने की बजाय उन्हें संरक्षण देकर दूसरे स्थान पर स्थानान्तरित का दिया गया।
अवैध वसूली में रोजगार सहायिका को किया गया था बर्खास्त
मुकादाह के ग्रामीणों ने 2013 में रोजगार सहायिका के खिलाफ कलेक्टर जनदर्शन में ग्रामीणों से अवैध उगाही के मामले में शिकायत की गई थी , जिस पर अधिकारियों की जाँच पर आरोप सिद्ध होने पर प्रतिवेदन के आधार पर रोजगार सहायक पर अनियमितता पाए जाने पर जिला पंचायत अधिकारी राजनांदगांव और जनपद पंचायत अधिकारी मोहला द्वारा लेटर जारी कर बर्खास्त किया गया था, लेकिन रोजगार सहायिका आज भी अपना कार्य करती नजऱ आ रही हैं।
एक वर्षों से बंद है मुक़ादाह में मनरेगा कार्य
मुकादाह के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों और रोजगार सहायिका के साँठगाँठ के चलते कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में नाराजग़ी बढ़ती जा रही है, जिसके कारण मनरेगा कार्य को एक वर्षों से बंद रखा गया है, साथ ही कहा गया है कि जब तक रोजगार सहायिका पर कार्रवाई कर बर्खास्त कर नहीं किया जाता तब तक मनरेगा कार्य बंद रहेगा, साथ ही चेतावनी दी है कि जल्द ही रोजगार साहिका के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।