रायपुर

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर 10 साहित्यकार सम्मानित
28-Nov-2022 4:27 PM
छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर 10 साहित्यकार सम्मानित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 नवम्बर।
संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने आज सीएम हाउस के कार्यालय में छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस का आयोजन किया । मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने  छत्तीसगढ़ के 13 साहित्यकारों को छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति उनकी सेवाओं के लिए  सम्मानित और 10 साहित्यकारों की रचनाओं का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ी हमारी मातृ भाषा और हमारा अभिमान है जिसको संवारने और आगे बढ़ाने का काम छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार द्वारा लगातार किया जा रहा है। बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने अरपा पैरी के धार को राजगीत बनाया और सरकारी स्कूलों में छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई लिखाई शुरू करवाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर छत्तीसगढिय़ा की जिम्मेदारी है कि वो छत्तीसगढ़ी को आगे बढ़ाने का काम करे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ शासन स्थानीय तीज त्यौहारों और खेलों को बढ़ावा देकर देश दुनिया में छत्तीसगढ़ी को पहचान दिलाने का काम कर रही है।

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने  जागेश्वर प्रसाद रायपुर,  रामेश्वर शर्मा रायपुर, डॉ. जे. आर. सोनी दुर्ग, पी सी लाल यादव सक्ती,  दुर्गा प्रसाद पारकर  रायपुर, रामनाथ साहू रायपुर, श्रीमती सोरिन चन्द्रसेन  महासमुंद, परमानंद वर्मा  खैरागढ़,  बुधराम यादव  बिलासपुर,  रंजीत सारथी जिला- सरगुजा , डॉ. शैल चन्द्रा  धमतरी,  डुमन लाल धुव  धमतरी एवं  रुद्र नारायण पाणिग्राही जगदलपुर को छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने  महेत्तरू मधुकर की रचना  गुरतुर भाखा, डॉ. सुरेश कुमार शर्मा की वाल्मिकी रामायण,  सुखदेव सिंह अहिलेश्वर की बंगस्य छन्द अंजोर, तेजपाल सोनी की श्रीमद भगवत गीता,   सुमन लाल ध्रुव की गांव ल सिरजाबो,   राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा की अमरईया हे मनभावन,   कमलेश प्रसाद शरमा बाबू की कुटिस बंदरा जझरग-जझरग, डॉ. शिल्पी शुक्ला की  छत्तीसगढ़ महिला लेखन और उर्मिला शुक्ल की रचनाएँ तथा  पी.सी. लाल यादव की कृतियों का विमोचन किया।

कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव पी. अन्बलगन एवं संस्कृति  संचालक विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।


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