रायपुर

राजधानी में भी लंपी का खतरा मिले स्किन डिजीज के केश
19-Nov-2022 2:22 PM
राजधानी में भी लंपी का खतरा मिले स्किन डिजीज के केश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 नवंबर। 
छत्तीसगढ़ में भी लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है। प्रदेश में कुछ गायों में लंबी वायरस के लक्षण मिलने के बाद जांच के लिए 60 सैंपल भोपाल भेजे गए थे। इसमें से 8 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसमें 8 मामलों में से एक रायपुर के तेंदुआ, तीन दुर्ग तथा चार बेमेतरा के हैं। आधे से अधिक सैंपल की रिपोर्ट मिलनी बाकि है। राजधानी में कई जगहों पर आवारा मवेशियों में इसके लक्षण देखा जा रहा है। हालांकि, राज्य में लंपी स्किन डिजीज की आशंका को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग का मैदानी अमला बीते एक महीने से अलर्ट मोड में है। वह गांवों का निरन्तर निरक्षण कर पशुओं को लंपी वायरस से बचाव के हर संभव प्रयाश किया जा रहा है।

पिछले दिनों सरकार ने जारी किया गाइड लाइन पशुओं में लंपी स्किन डिजीज का मामला देश के राजस्थान, गुजरात सहित अन्य राज्यों में आते ही छत्तीसगढ़ में पशुओं को इस रोग से बचाने के लिए विभागीय अधिकारियों को दिए थे। छत्तीसगढ़ से जुड़े अन्य राज्यों से बीमार पशुओं के आवागमन की संभावना को देखते हुए सीमावर्ती ग्रामों में चेकलंपी स्किन डिजीज गौवंशीय पशुओं में फैलने वाला विषाणुजनित संक्रामक रोग है। इस रोग का मुख्य वाहक मच्छर, मक्खी एवं किलनी है। इसके माध्यम से स्वस्थ पशुओं में यह संक्रमण फैलता है। शहर के कुछ जगहों पर भी पशुओं में इसके लक्ष्ण देखा जा रहा है । जिसके बाद निगम अमला हरकत में आते हुए। गुरूवार को एक आदेश जारी करते हुए इलाज के लिए स्थान को चिन्हांकित किया है। बताया जा रहा है कि रोगग्रस्त पशुओं में 2 से 3 दिन तक मध्यम बुखार का लक्षण मिलता है। इसके बाद प्रभावित पशुओं की चमड़ी में गोल-गोल गांठें उभर आती है। लगातार बुखार होने के कारण पशुओं के खुराक पर भी प्रभाव पड़ता है।

पशुओं में दूध उत्पादन में कमी
पशुचिकित्सकों ने बताया कि वायरस की वजह से दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन कमी हो सकती है। रोगग्रस्त पशु दो से तीन सप्ताह में स्वस्थ हो जाते है। लेकिन शारिरिक दुर्बलता के कारण दुग्ध उत्पादन कई सप्ताह तक प्रभावित होता है। समय पर इलाज न  होने से 1 से 5 प्रतिशत तक के पशुओं की मृत्यु संभावना बनी रहती है।
सरकार के पास वैक्सीन उपलब्ध वर्तमान में छत्तीसगढ़ में इस रोग के लक्षण को देखते हुए एहतियात के तौर पर जिलों मे पशु हाट-बाजारों के आयोजन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के ग्रामों में अस्थायी रूप में चेकपोस्ट बनाया गया है।

इंसानों को नहीं है खतरा
शासकीय पशु चिकित्सकों के अनुसार लंपी वायरस का दूध पर कोई असर नहीं पड़ता है। लंपी वायरस के प्रकोप में दूध पीना सुरक्षित है। इससे किसी तरह के संक्रमण का अथवा अन्य किसी बीमारी का कोई भय नहीं होता है। दूध को लगभग सभी घरों में उबाला जाता है। इसके बाद यह पूर्णत सुरक्षित हो जाता है।

पाम प्लाजा मोवा में होगा इलाज
पशुओं में लंपी संक्रमण की रोकथाम के लिए नगर निगम ने शहर से बाहर व्यवस्था की है। निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी ने संयुक्त संचालक पशु को पत्र लिखकर इसकी सूचना दे दी। पत्र में कहा कि रायपुर नगरीय निकाय क्षेत्र में बढ़ते लंपी संक्रमण को रोकने पशुओं को आइसोलेट कर उपचार की सुविधा देने गोधन न्याय केंद्र पाम प्लाजा मोवा को आरक्षित किया गया है। यहां चारे और पानी की व्यवस्था निगम करेगा।
 


अन्य पोस्ट