रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 नवम्बर। छत्तीसगढ़ पावर कंपनी प्रबंधन द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा बिजली बिल हाफ का प्रचार शहर में बड़े-बड़े होल्डिंग लगाकर किए जा रहा है, तथा अन्य राज्यों में भी वोट बटोरने के लिए प्रचार प्रसार किया जा रहा है। दूसरी ओर पावर कंपनी छत्तीसगढ़ की जनता की जेब से सुरक्षा निधि के नाम पर लूट कर रही है। छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी ने इसे धोखेबाजी व कान को सीधा ना पकडक़र उल्टा पकडऩे की संज्ञा दी है।
छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी ने कहा है कि पूरे प्रदेश की जनता बिजली बिल देखकर परेशान हैं। सभी अचानक बिल में वृद्धि के कारण विद्युत मंडल के कार्यालयों में चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। लेकिन प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। विद्युत मंडल प्रबंधन छत्तीसगढ़ में एक उद्योग है जो ऐसी ही अतिरिक्त वसूली से पैसा कमाकर राजनीति दलों को देता है। प्रबंधन का यह तर्क की पावर कंपनी प्रतिवर्ष नवंबर में सुरक्षा निधि लेता है, ऐसा प्रतीत होता है जैसा बैंक प्रतिवर्ष पेंशनरों से जीवित प्रमाण पत्र लेता है, वैसी छत्तीसगढ़ पावर कंपनी लिमिटेड नवंबर में सुरक्षा निधि ले रहा है। विद्युत मंडल को छोड़ दे तो अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा निधि केवल प्रारंभिक तौर पर एक बार ली जाती है। उसके बाद प्रतिमाह या प्रतिवर्ष जो राशि मिलते हैं उस राशि से व्यवस्था की जाती है। छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष कोमल हुपेंडी, विजय कुमार झा एवं मुन्ना बिसेन, दुर्गा झा, सूरज उपाध्याय, केएस नायडु, ए हैदरी, नरेंद्र ठाकुर, वीरेंद्र पवार, राज नारायण दिवेदी, पप्पू परिहार, पी एस पन्नू, आदि नेताओं ने छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण पावर कंपनी लिमिटेड से मांग की है कि प्रति वर्ष नवंबर माह में सुरक्षा निधि के नाम पर छत्तीसगढ़ की जनता से लूट बंद किया जाए। अन्यथा विद्युत मंडल कार्यालय का आम आदमी पार्टी घेराव करेगा। साथ ही इसकी शिकायत सीएम बघेल को भी जाएगी। विद्युत मंडल कंपनी कांग्रेसी सरकार को हराने के लिए योजनाबद्ध तरीके से सरकार को बदनाम कर रही है।
बिलासपुर से आया वाट्स अप मेसेज, जनता के लिए खड़े हों नेता
छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल आखिर किसके इशारे पर आम उपभोक्ता पर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है। बिजली बिल में चाहे वह घरेलू हो या व्यवसायिक या कृषक बिजली बिल सुरक्षा निधि सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम से समय बे समय अतिरिक्त शुल्क जोडक़र भारी बोझ तले बिजली बिल आम जनमानस को आखिर कौन सी मनसा के तहत दिया जा रहा है। एक तरफ सरकार का कहना बिजली बिल माफ लेकिन बिजली हाफ के साथ-साथ बिजली बिल 4 गुना यह खेल आम जनमानस के समझ से परे है इस अतिरिक्त बोझ को सरकार को वापस लेना चाहिए सुरक्षा निधि की गणना के नाम से बेतहाशा वृद्धि कर बिजली बिल आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त करने पर मजबूर कर रहा है।सरकार से यह मांग करती है कि इस सुरक्षा निधि के नाम पर जो बढक़र बिजली बिल आ रहा है इसे वापस लिया जाए ताकि आमजन जनता पर अनावश्यक तुगलकी फरमान के तहत बोझ ना पड़े।बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने इस राज्यव्यापी निर्णय से हाथ खड़ा कर नजर आते हैं और उनका साफ कहना है जो होगा रायपुर से होगा ।आखिर सुरक्षा निधि बार-बार किस नियम के तहत ली जा रही है इस बात को छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल बता नहीं पा रही और आम जनमानस भी विद्युत विभाग की इस अनसुलझी पहेली को समझ नहीं पा रहे।


