रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 24 अपै्रल। छत्तीसगढ़ शासन ने इस वर्ष धान के बंपर उत्पादन को देखते हुए किसानों के पूरे धान को बारदाने के कमी के बावजूद भी प्लास्टिक बोरियों में धान की खरीदी की, लेकिन खरीदी के बाद फड़ में बचे धान अब धूप व पानी से खराब होने के कगार पर है। प्लास्टिक बोरी में खरीदी गई धान का अधिक खराब होने की संभावना है।
अब तक धान खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं होने के कारण समिति प्रबंधक बुरी तरह परेशान हैं और चूंकि वर्तमान में कोरोना काल चल रहा है और लॉकडाउन है ऐसी स्थिति में धान के उठाव में और देरी होने से लाखों के धान खराब होने की संभावना बनी हुई है और इन सब के बीच समिति प्रबंधक बलि का बकरा बने हुए हैं और दिन रात धान की रखवाली करने को मजबूर हैं। नियमानुसार धान खरीदी केंद्रों से 72 घंटे में धान का उठाव होना रहता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और अब तक हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़े हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोसीर धान खरीदी केंद्र में 41568 कट्टा 16 हजार 6 सौ 27 क्विंटल फड़ में खुले आसमान के नीचे पड़े है और धूप,पानी,चूहे के कारण खराब हो रहा है। ऐसे में कई सैकड़ों क्विंटल सुखत आने पर शार्टेज की संभावना बनी हुई जिसका डर समिति प्रबन्धको को सता रहा है ।
प्रबंधक व कर्मचारी दिन रात कर जान जोखिम में डाल कर धान की रखवाली कर रहे है। कर्मचारियों का सांप-बिच्छु से सामना भी हो रहा जिसके कारण चौकीदारों ने रखवाली करना छोड़ दिया हैं। समिति प्रबंधक ही दिन रात रखवाली कर रहे है और शासन प्रशासन के निर्देश का इंतजार कर रहे है।


