रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खरसिया, 5 अप्रैल। शीतला अष्टमी का पर्व सोमवार को धार्मिक वातावरण में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान महिलाओं ने परिवार की स्वास्थ्य एवं सुख-समृद्धि की कामना करते हुए माता शीतला की आराधना की गई।
मंदिर परिसर में आने वाली महिलाओं द्वारा अपने परिजनों के स्वास्थ्य एवं सुख समृद्धि के लिए शीतला माता की विशेष पूजन किया गया। प्रति वर्षों की भांति इस वर्ष भी शीतला अष्टमी का पर्व पुरानी परंपरा के अनुसार धूमधाम के साथ मनाया गया।
नगर के हमालपारा बस स्टैण्ड स्थित शीतला माता मंदिर में शीतला अष्टमी की तैयारी श्रद्वालु व भक्तों द्वारा पिछले कई दिनों से की जा रही थी। शीतला अष्टमी की पूजा के लिए मंदिर को रंगरोगन कर और रंगीन झालर लगा कर विशेष रूप से सजाया गया था। सोमवार को शीतला अष्टमी के दिन भोर होते ही मंदिर परिसर में नगर के लोगों का आना प्रारंभ हो गया था। श्रद्वालु पूरे परिवार के साथ मंदिर आने लगे थे और मंदिर परिसर में परिवार की महिलाएं पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य एवं सुख समृद्वि की कामना करते हुए शीतला माता की पूजा-अर्चना में लगी हुई थीं। सुबह होते तक तो पूरा परिसर शीतला माता की पूजा करने आने वाले परिवारों से भर गया था और लोग बारी-बारी से शीतला अष्टमी के दिन परंपरा के अनुसार शीतला माता की पूजा कर रहे थे।
इस दौरान विभिन्न समुदाय खास कर हरियाणा और राजस्थान से जुड़े परिवार की महिलाओं ने शीतला माता की पूजा की। भक्तों की माने तो माता को भोग लगाने के लिए एक दिन पूर्व भोग बनाया जाता है और इस बासी खाने का भोग याने बासोड़ा तैयार कर माता को भोग लगाते है। प्राचीन समय से शीतला अष्टमी की पूजा को चेचक के प्रकोप से शांति के लिए किया जाता रहा है। परिवार के बच्चों को माता के प्रकोप से सुरक्षित रखने के लिये शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की आराधना पुरातन काल से की जाती रही है।


