रायगढ़

संविधान दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम
28-Nov-2024 1:05 PM
संविधान दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 28 नवंबर। 
छत्तीसगढ़ शासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. के.व्ही. राव के मार्गदर्शन में भारतीय संविधान के 75 वीं स्थापना दिवस के अवसर पर संविधान दिवस का कार्यक्रम विद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थानों में उत्साह के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तारापुर में 26 नवंबर मंगलवार को संविधान स्थापना दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान के विभिन्न तथ्यों के बारे में शिक्षकों द्वारा जानकारी बताई गई वहीं छात्र-छात्राओं ने भी भारतीय संविधान को लेकर अपना विचार व्यक्त किया।

विद्यालय में संपन्न संविधान दिवस कार्यक्रम में संस्था के प्र. प्राचार्य भोजराम पटेल द्वारा छात्र-छात्राओं को बताया गया कि हमारे संविधान निर्मात्री समिति के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि संविधान श्रेष्ठ और उत्कृष्ट होने के बावजूद यदि उसके पालन करने वाले लोग समर्पित और ईमानदार ना हो तो वह हमारे लिए उपयोगी नहीं हो सकती इसलिए जरूरी है कि हम स्वयं को देश के लिए समर्पित और ईमानदार बनाएं तभी हमारा संविधान हम सबको श्रेष्ठ नागरिक के रूप में प्रतिष्ठा दिला सकता है। भारतीय संविधान को विश्व का श्रेष्ठ संविधान बताते हुए श्री पटेल ने कहा कि हमारे संविधान में कार्यपालिका न्यायपालिका की व्यवस्था से लेकर अधिकार कर्तव्य और उन तमाम विषयों को शामिल किया गया है जो किसी भी देश के नागरिक के लिए तथा देश में कानून व्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक होते हैं।

इस अवसर पर संस्था के प्रधान पाठक कुमार साहू ने भी अपना वक्तव्य दिया माध्यमिक प्रखंड के युवा शिक्षक मनोज कुमार ने भारतीय संविधान के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी एवं राजनीति विज्ञान के व्याख्याता मंजू पटेल ने भारतीय संविधान तथा इसके अहम तथ्यों के बारे में छात्र-छात्राओं को बिंदुवार जानकारी दी एवं भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों में उत्साह के साथ भाग लेने का आग्रह किया। 

इस अवसर पर संस्था के वरिष्ठ व्याख्याता चंद्रशेखर पटेल चंद्रकांता सिदार ज्योति देवांगन शिक्षक रामेश्वर डनसेना रीता चौहान माध्यमिक खंड से सुधाबाला नायक किरण पटेल एवं अन्य शिक्षकों की भी सक्रिय भागीदारी रही। अंत में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ करते हुए कार्यक्रम को विराम दिया गया।


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