रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 9 अक्टूबर। नाबालिग का अपहरण कर उससे रेप करने के मामले में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को जीवन पर्यंत के कारावास से दंडित किया है। अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडि़ता के पिता द्वारा थाना सिटी कोतवाली रायगढ़ में 14 अगस्त 2017 को उपस्थित होकर इस आशय की मौखिक शिकायत की गयी कि उसका एक लडक़ा एवं एक लडक़ी पीडि़ता है, उसका लडक़ा उसके चचेरे भाई के घर में रह कर पढ़ाई करता है, गांव में वह और उसकी लडक़ी पीडि़ता रहते है, जिसकी जन्मतिथि 10.06.2005 है, अब से करीब एक माह पूर्व अपने ससुराल आया था और दो दिन रुक कर ग्राम कुडेकेला बस स्टैण्ड में बस से अपने गांव जा रहा था, उसी बस मैं करीब 40-50 वर्ष की उम्र का एक अपरिचित व्यक्ति मिला उसने बताया कि वह पीडीएस चावल की गाड़ी चलाता है और उसके तथा आस-पास के गांव के सोसायटी में पीडीएस चावल पहुंचाने अक्सर जाता रहता है। अब से करीब 15 दिन पूर्व वही व्यक्ति शाम के समय उसके घर आया, उस समय वह और पीडि़ता घर पर थे, वह स्वयं खाना बना कर उसे खिलाया, उसने उसकी पत्नी के बारे में पूछा तो उसने बताया कि 5-6 वर्ष पूर्व उसकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी हैं, तब उसने मेरी परेशानी पर काफी अफसोस जाहिर किया और मेरे सहारे के लिए दूसरी औरत का इंतजाम करने का आश्वासन दिया, उस रात उसके ही घर में रूका और दूसरे दिन वह चला गया। 12 अगस्त 2021 को शाम करीब 6 बजे वही व्यक्ति पुन: मेरे घर आया और मेरे लिए रायगढ़ में एक औरत से बातचीत कर लेना बताया, दूसरे दिन करीब 7-8 बजे हम तीनों वासुदेव बस में बैठ कर दोपहर करीब 1.30 बजे रायगढ़ बस स्टैण्ड पहुंचे, रायगढ़ पहुंच कर उसने बताया कि रायगढ़ में उसके मालिक का घर है, और उसके पास बोलेरो गाड़ी है, उस व्यक्ति ने कहा कि वह मालिक की बोलेरो गाड़ी लेकर उस औरत से मिलाने को कहा फिर मेरी लडक़ी को वहीं प्रतिक्षालय में अकेला बैठा कर मुझे अपने साथ बस स्टैण्ड से करीब आधा किमी दूर शहर में ले आया, शहर में एक जगह उसने मुझसे कहा कि उसके साथ मुझे देखकर उसका मालिक अपना बोलेरो गाड़ी नहीं देगा, अत: मुझे वहीं पर छोड़ कर वह चला गया, आधा घण्टा से अधिक समय हो जाने पर भी वह नहीं आया तो मुझे बेटी की चिन्ता होने लगी फिर मैं रिक्शा से बस स्टैण्ड पहुंचा तो प्रतीक्षालय में मेरी लडक़ी नहीं मिली फिर में आस-पास कई लोगों से पूछताछ किया, लेकिन पीडि़ता का कहीं कोई पता नहीं चला तब वह अपने लडक़े को खबर किया तथा ग्राम घरजिया बथान जाकर उस व्यक्ति के बारे में भी कई लोगों से पूछताछ कर पता किया किन्तु अभी तक उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
पीडि़ता पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 363, 365, 366 क, 368 तथा 376 (2) (ढ) तथा धारा 6 लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर पीडि़ता को उसके परिजनों के सुपुर्द किया और आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। उक्त मामला उर्पापण पश्चात फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में विचाराधाीन था। जहां इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात न्यायाधीश प्रतिभा वर्मा ने आरोपी को विभिन्न धाराओं में दोष सिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास तथा शेष प्राकृतिक जीवन तक कारावास भुगतान की सजा से दंडित किया है। उक्त मामले में विशेष लोक अभियोजक मनमोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।