रायगढ़

ओडिशा में रेल रोको आंदोलन का दिखा असर
04-Oct-2023 3:42 PM
ओडिशा में रेल रोको आंदोलन का दिखा असर

साउथ बिहार व टाटा इतवारी हुई रद्द, एलटीटी का बदलना पड़ा मार्ग, यात्री परेशान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 4 अक्टूबर।
  तीन यात्री ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर रेलवे संघर्ष समिति से जुडक़र हिमगिर वासियों ने मंगलवार को रेल रोको आंदोलन का आगाज कर दिए इससे यात्री ट्रेक की चाल बेहाल हो गया। आलम यह रहा कि साउथ बिहार अप -डाउन दोनो दिशा, टाटानगर इतवारी पैसेंजर रद करना पड़ गया जबकि एलटीटी को दूसरे मार्ग से आना पड़ा। इस आंदोलन का असर सीधे तौर पर रेल परिचालन तथा यात्रियों को दंश के रूप में सहना पड़ा। जानकारी के मुताबिक झारसुगुड़ा डिवीजन के हिमगिर रेलवे स्टेशन में लंबे समय से ट्रेनों के ठहराव की मांग चली आ रही है। इसके अलावा यही हाल बेलपहाड़ वासियों की भी मांग है। ऐसे में एक बार फिर से इसी क्षेत्र के नागरिकों ने टाटा इतवारी, बिलासपुर टाटा, पैसेंजर बनाकर चलाये जाने, तथा उत्कल एक्सप्रेस का ठहराव दिए जाने की मांग को लेकर सुबह करीब 10 बजे से आंदोलन के तहत पटरी में बैठ गए। इसका असर यह रहा कि ट्रेनों का परिचालन हावड़ा मुंबई मुख्य रेल रूट में प्रभावित हो गया। जिसके चलते आधा दर्जन एक्सप्रेस ट्रेनों को छोटे बड़े स्टेशन में खड़े करना पड़ गया जबकि 3 ट्रेन रद हो गई। वहीं आंदोलन को देखते हुए रायगढ़ आरपीएफ, व बेलपहाड़,के अलावा झारसुगुड़ा डिवीजन से आरपीएफ पुलिस मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर  आंदोलन कारियो को समझाइश दे रहे थे लेकिन यह बेअसर रहा। ततपश्चात उच्च अधिकारियों को दोपहर 3 बजे आवेदन दिए और उचित आश्वसन मिलने के बाद आंदोलन समाप्त हुआ। तब कही जाकर ट्रेनों का आवाजाही आरंभ हो पाया। यहां यह भी बताया जाना लाजमी होगा कि कोविड काल से ट्रेनों का परिचालन रद किया गया इसे लेकर भी वे पूर्व में आंदोलन कर चुके है। ट्रेनों के रद्द होने से गड़बड़ाया त्यौहारी सीजन का रंग हावड़ा मुंबई मुख्य मार्ग में आंदोलन में यात्री सुविधाओं को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। जिसमें ट्रेनों का परिचालन रद्द भी रेलवे को करना पड़ गया। इस लिस्ट में साउथ बिहार एक्सप्रेस अप डाउन रद्द रहा। जबकि इसी तरह रात वाली बीएसपी टाटानगर और इतवारी पैसेंजर भी रद रहा। इसके अलावा  पूरी एलटीटी डायवर्टेड किया गया। जेडी पैसेंजर रायगढ़ से वापस हो गई। अहमदाबाद और आजाद हिंद एक्सप्रेस झारसुगुड़ा में रोक कर रखा गया। हीराकुंड एक्सप्रेस खरसिया से आगे झाराडीह में खड़ी रही। इस तरह से ट्रेनों के खड़े व लेटलतीफी के चलते कनेक्टिविटी ट्रेन लोगों की छूट गई। जिससे कोलकाता व देश के प्रमुख त्यौहार नवरात्रि दशहरा में घर जाना था उन पर यह आंदोलन अधिक प्रभावी रहा।
 


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