राष्ट्रीय
पटना, 28 नवंबर । बिहार विधानसभा के नए सत्र को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। विधानसभा की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने आसपास के पूरे इलाके में विशेष पाबंदियां लागू कर दी हैं। दरअसल, 1से 5 दिसंबर तक चलने वाले विधानसभा सत्र के दौरान अलग-अलग संगठन, संस्थाएं और राजनीतिक दल अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन, धरना या जुलूस निकालने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में भीड़भाड़ और अफरा-तफरी की आशंका रहती है, जिससे विधानसभा में आने-जाने वाले अधिकृत व्यक्तियों को परेशानी हो सकती है। इन्हीं संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने निर्णय लिया कि सचिवालय थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा परिसर और उसके आसपास कानून व्यवस्था को मजबूत रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू करना आवश्यक है।
यह धारा प्रशासन को अस्थायी रूप से भीड़ नियंत्रण और अन्य गतिविधियों पर रोक लगाने का अधिकार देती है ताकि शांति और सुरक्षा बनी रहे। आदेश में यह साफ तौर पर कहा गया है कि पांच या उससे अधिक लोगों का गैरकानूनी जमावड़ा पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी धरना, जुलूस, प्रदर्शन या घेराव नहीं किया जाएगा, चाहे वह हथियारों और रोशनी के साथ हो या उसके बिना। इसी तरह आग्नेयास्त्र, गोला-बारूद, विस्फोटक, फरसा, गड़ासा, भाला, चाकू जैसे किसी भी प्रकार के घातक हथियार लेकर चलना पूरी तरह मना है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति लाउडस्पीकर का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित रहेगा, ताकि इलाके में अनावश्यक शोर-शराबा और अव्यवस्था न फैले। यह पाबंदी जिस क्षेत्र में लागू होगी उसकी सीमाएं भी प्रशासन ने तय कर दी हैं। उत्तर में चिड़ियाघर के गेट नंबर 1 से विश्वेश्वरैया भवन तक का इलाका शामिल है, जो नेहरू पथ और केरल टी प्वाइंट से होकर गुजरता है।
दक्षिण में यह क्षेत्र आर ब्लॉक गोलंबर से लेकर रेलवे लाइन तक फैला है। पश्चिम में चितकोहरा गोलंबर से वेटनरी कॉलेज तक और पूर्व में कोतवाली टी प्वाइंट, बुद्ध मार्ग होते हुए पटना जीपीओ गोलंबर तक का क्षेत्र इस आदेश के दायरे में आएगा। हालांकि सरकारी अधिकारी, पुलिस और सैन्य बल के कर्मचारी जो ड्यूटी पर होंगे, उन पर इस आदेश का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसी तरह विधानसभा, विधान परिषद और संसद के सदस्यों को, जिन्हें अधिकृत रूप से सदन में उपस्थित होना है, उन्हें इससे छूट दी गई है। विधानसभा और विधान परिषद में नियुक्त या प्रतिनियुक्त कर्मचारी भी इस दायरे से बाहर रहेंगे। जिन व्यक्तियों के पास विधानसभा सचिवालय या परिषद सचिवालय द्वारा जारी पास होंगे, वे भी मुक्त रहेंगे। इसके अलावा, सरकारी वाहन और वे गाड़ियां, जिन्हें विधान सभा या विधान परिषद से जारी पास मिला है, उन पर भी यह रोक लागू नहीं होगी। यह पूरा आदेश 1 दिसंबर से प्रभावी होगा और 5 दिसंबर को विधानसभा सत्र खत्म होने तक लागू रहेगा। अनुमंडल दंडाधिकारी गौरव कुमार ने यह आदेश 27 नवंबर को अपने हस्ताक्षर और न्यायालय की मुहर के साथ जारी किया है ताकि समय रहते सभी को इसकी जानकारी मिल सके और सत्र के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचाव हो सके। -(आईएएनएस)


