महासमुन्द

30 साल से उपेक्षा का दंश झेल रहा बम्हनी-चिंगरौद मार्ग का पुल
09-Jul-2025 5:09 PM
30 साल से उपेक्षा का दंश झेल रहा बम्हनी-चिंगरौद मार्ग का पुल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 9 जुलाई। जिला मुख्यालय महासमुंद से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे चिंगरौद के ग्रामीण वर्षों से जर्जर पुल में जान जोखिम में डालकर जिला मुख्यालय आने-जाने के लिए ग्रामीण विवश हैं। करीब 30 साल से इस पुल का स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है। हर साल इस पुल को लेकर जनदर्शन में शिकायतें आती रहती हैं, लेकिन अब तक किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली। फलस्वरूप हर साल बारिश के दिनों में यहां से ग्रामीणों को बाइक-साइकल आदि वाहनों को बांस के सहारे लटकाकर नाला पार करना पड़ता है। हर साल उफान पर आने वाले इस नाले पर बने पुल को लेकर ग्रामीण कोसते रहते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर बसा ग्राम चिंगरौद एक बड़ा ग्राम है। खदान क्षेत्र होने की वजह से चिंगरौद से बड़ी संख्या में मजदूर जिला मुख्यालय सहित बिरकोनी और घोड़ारी के कारखानों में काम करने पहुंचते हैं। लेकिन आषाढ़ और सावन में हर साल पहली बारिश में ही पुल क्षतिग्रस्त हो जाता है। आज से 20 साल पूर्व यह पुल पीडब्ल्यूडी ने बनाया था लेकिन इन 20 साल में 20 बार यह पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है। हर साल बारिश के बाद इसे मरम्मत की आवश्यकता होती है। खासकर स्कूली बच्चों को यहां से आने-जाने में सर्वाधिक परेशानी होती है। बाढ़ की स्थिति में मजदूर भी इस रास्ते से गुजरकर काम पर नहीं जा सकते।

ग्रामीण बताते हैं कि भारी वाहनों की लगातार आवाजाही के कारण पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। रिपेयरिंग करने के बाद फिर से टूट जाता है। कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस पूरे मामले पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

जब ग्रामीणों से सूचना मिलती है कि पुल के दोनों तरफ  फिर से गड्ढा हो गया है तो आनन-फ ानन में पहुंचकर पत्थर और गिट्टी डालकर खानापूर्ति कर दी जाती है। इस मार्ग से रेत और पत्थर से लदी ट्रकें, डंपर, ट्रैक्टर आदि वाहनें रोजाना बड़ी संख्या में गुजरती हैं। झड़ी के दौरान नाला उफान पर होता है। इससे ग्रामीण मजदूरों को काम में जाने की दिक्कत होती है। पुल के ठीक इस पार बने हाईस्कूल में छात्र-छात्राएं नहीं जा सकते। हर साल इस पुल को ग्रामीण अपनी सहूलियत के अनुसार सुधारने का प्रयास करते हैं। लेकिन यह हर साल टूट जाता है।

गत वर्ष ही इस पुल को सुधारा गया था। लेकिन पुल मानसून की पहली ही बारिश में एक बार फिर टूट गया है। पुल बीच से टूटा हुआ है। लेकिन पुल के एक छोर से दूसरे छोर तक तकरीबन एक फ ीट के गड्ढे बन गए हैं, जिस पर से आवागमन पूरी तरह से बाधित है। बावजूद इसके लोग जान जोखिम में डालकर इस पुल के रास्ते को पार कर रहे हैं। यह चिंगरौद और बम्हनी व जिला मुख्यालय को जोडऩे वाला मुख्य मार्ग है। पिछले साल भी यह पुल बारिश में टूट गया था और पुल के दोनों तरफ चार से पांच फीट गड्ढे हो गए थे। जिसे पीडब्ल्यूडी विभाग ने खानापूर्ति कर गिट्टी से पैक कर दिया था। ग्रामीणों की लगातार शिकायत के बाद भी अभी तक इस पुल का मरम्मत नहीं हुआ है। 


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