महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 9 जुलाई। सीईओ जिपं के चेतावनी आदेश मिलने के 7 साल के बाद भी पूर्णानन्द मिश्रा के सेवा पुस्तिका में इन्द्राज नहीं करने के मामले को प्रमुखता से ‘छत्तीसगढ़’ में खबर प्रकाशित होने के बाद महासमुंद डीईओ विजय लहरे ने गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लिया। बसना बीईओ जे आर डहरिया ने पूर्णानन्द मिश्रा के सेवा पुस्तिका में इस चेतावनी आदेश को दर्ज कराया है।
मामले का खुलासा तब हुआ, जब आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने सूचना आवेदन से यह दस्तावेज पाया। चर्चा का विषय है कि इस चेतावनी आदेश को छुपाकर विकासखण्ड स्रोत्र समन्वयक बसना के लिए इनकी नियुक्ति के दौरान मनमाफिक प्रतिवेदन भेजा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बसना विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को 6 जून 2018 को
ऋतुराज रघुवंशी आईएएस तत्कालीन सीईओ जिपं महासमुन्द ने एक वाट्सएप ग्रुप मामले में संकुल समन्वयक पूर्णानन्द मिश्रा के विरूद्ध चेतावनी पत्र जारी करके उनके सेवा पुस्तिका में दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन तत्कालीन बीईओ ने इस आदेश का पालन नहीं किया।
बसना बीआरसी पद के चयन हेतु बीईओ कार्यालय बसना से सेवा पुस्तिका के आधार पर जिला प्रशासन ने प्रतिवेदन मंगाया तो, इसमें यह चेतावनी आदेश को इन्द्राज नहीं होने के कारण पूर्णानन्द मिश्रा को लाभ मिला। जिस कारण इनका बसना बीआरसी पद में नियुक्ति हो गई।
बीईओ जे आर डहरिया ने बताया कि कार्यालय बसना में भेजे गये इस की गई। जिसमें पाया गया कि तत्कालीन बीईओ योगराम लहरे ने इस आदेश को पूर्णानन्द मिश्रा के सेवा-पुस्तिका में दर्ज नहीं कराया था। पूर्णानन्द मिश्रा के सेवा पुस्तिका में इस चेतावनी आदेश को विधि सम्मत इन्द्राज करवा दिया हूं।
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