महासमुन्द

कहा-विपणन अधिकारी ने समय रहते उठाव में ध्यान नहीं दिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 अक्टूबर। सड़े धान के उठाव को लेकर विभाग व मिलर्स आमने-सामने हो गए हैं। दूसरे दिन मंगलवार को भी मिलर्स का धरना जारी रहा। सोमवार शाम मिलर्स ने बिना सहमति के काटे गए डीओ को निरस्त करने की मांग कलेक्टर से करते हुए उन्हें प्रबंधक निदेशक छग राज्य सहकारी विपणन संघ मार्यादित अटल नगर के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कलेक्टर ने आश्वासन देते हुए मिलर्स के फेवर में प्रबंधक राज्य सहकारी विपणन संघ को पत्र लिखा, लेकिन डीओ निरस्त नहीं होने के कारण दूसरे दिन भी मिलर्स हड़ताल पर बैठे रहे। मिलर्स एसोसिएशन की मांग है कि जब तक डीओ निरस्त नहीं होंगी, तब तक धरने पर बैठे रहेंगे।
मिलर्स संघ के अध्यक्ष पारस चोपड़ा कहते हैं कि विपणन विभाग ने मिलर्स के बिना सहमति प्राप्त किए ही सड़े हुए धान को उठाने के लिए डीओ जारी कर दिया है। वहीं उठाव को लेकर दबाव भी बना रहा है। मिलर्स ने बताया कि समिति और संग्रहण केंद्रों में जो धान रखा हुआ है, वो सड़ गया है। उस सड़े धान का मिलिंग कर उसे फोर्टिफाइड चावल व एफसीआई में जमा करने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस धान का न तो फोर्टिफाइड चावल बनेगा और ना ही एफसीआई इसे लेगी। एफसीआई सीधे एक सिर से चावल को रिजेक्ट कर देगी। क्योंकि सड़े हुए धान का मिलिंग के बाद चावल में क्वालिटी नहीं आएगी। एफसीआई चावल लेने से मना कर देगी तो, मिलर्स को नुकसान होगा।
धरने में पारस चोपड़ा, विनय अग्रवाल, मनोज जिंदल, सन्नी लुनिया, सुशील बोथरा, प्रतीक चौरडिय़ा, शैलेन्द्र चोपड़ा, धीरज लूनिया, लोकेश चंद्राकर, नमन बरडिय़ा, बागबाहरा से अविनाश अग्रवाल, अनिश अग्रवाल, अंकुश अग्रवाल, पिथौरा से संदीप अग्रवाल, अजय अग्रवाल, किशन अग्रवाल, बसना से राजेन्द्र अग्रवाल, सरायपाली से दिनेश अग्रवाल, कामद अग्रवाल सहित जिलेभर के मिलर्स मौजूद थे।
मिलरों का स्पष्ट कहना है कि समिति व संग्रहण केंद्र में जो खराब धान जमा है, वो केवल अधिकारियों की लापरवाही की वजह से खराब हुआ है। जिला विपणन अधिकारी व खाद्य अधिकारी ने समय रहते उठाव में ध्यान नहीं दिया। समिति के लोगों द्वारा उठाव के संबंध में कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा गया लेकिन उठाव नहीं कराया गया। 72 घंटों में धान का उठाव होना था लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उठाव नहीं हो पाया और बारिश से धान पूरा भीग गया।