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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 26 जून। बस्तर के बीजापुर में घोर नक्सल इलाके के बीच एक सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र में समय से बहुत पहले एक बच्ची का जन्म हुआ। यह मां के पेट में कुल 24 हफ्ते रह पाई। जन्म के समय उसका वजन कुल 500 ग्राम था। बीजापुर के चिकित्सकों ने एम्स रायपुर से ऑनलाईन मार्गदर्शन पाकर इस बच्ची को बचाने में कामयाबी हासिल की। अप्रैल में उसका जन्म हुआ था, अभी 24 तारीख को जब उसे डिस्चार्ज किया गया तो उसका वजन 1.41 किलो था। इसका जन्म बीजापुर जिले के भैरमगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हुआ, और फिर इसे बीजापुर के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केन्द्र में रखा गया। अप्रैल से अभी तक मेहनत करके डॉक्टरों ने इसे बचाया। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग की आईएएस अधिकारी प्रियंका शुक्ला ने 'छत्तीसगढ़' के पूछने पर कहा कि उन्हें एम्स से यह बताया गया है कि यह 24 हफ्तों के गर्भ से जन्म लेने वाली और बचने वाली देश के गिने-चुने बच्चों में से है।
इस अखबार ने जब गूगल पर ढूंढा तो अहमदाबाद में 492 ग्राम की एक बच्ची की खबर है जो कि 22 हफ्तों में पैदा हुई थी। हैदराबाद में इससे भी कम वजन के एक जन्म का रिकॉर्ड दर्ज है। लेकिन ये दोनों मामले महानगरों के हैं जहां उन्हें देश की सबसे आधुनिक चिकित्सा हासिल थी। छत्तीसगढ़ के बस्तर की यह बच्ची जंगलों में, और नक्सली हिंसा के बीच एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पैदा हुई, और वहीं जिला अस्पताल में बचकर अब घर गई है।